धार में जमीन हेराफेरी के मामले में तत्कालीन एसडीएम और पूर्व इंजीनियर गिरफ्तार

धार पुलिस ने 18 लोगों को किया गिरफ्तार..

धार। सेंट टेरेसा स्कूल कंपाउंड जमीन की हेराफेरी के मामले में रविवार को एक बड़ी कार्रवाई पुलिस ने की है। इसके चलते धार के तत्कालीन एसडीएम सीके गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस पूरे मामले में नगर पालिका के पूर्व इंजीनियर सुधीर ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों आरोपित के साथ अब तक 18 को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मामले के मुख्य आरोपी और लंबे समय से फरार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। ऐसे में पुलिस ने अब इन लोगों को संरक्षण देने वालों पर कार्रवाई का मन बना लिया है। इसके तहत भारतीय दंड विधान की धारा 216 के तहत प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की है।
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम सीके गुप्ता को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा नगर पालिका के पूर्व इंजीनियर सुधीर ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि नगर पालिका के पूर्व इंजीनियर से एक दिन पहले ही एसपी आदित्य प्रताप सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद उनको छोड़ दिया गया था। लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि उनकी कुछ घंटे बाद ही गिरफ्तारी हो जाएगी। पुलिस ने इस तरफ से उनको गिरफ्तार कर लिया है।

   गुप्ता ने ये किया था कारनामा..........

जिस समय सेंट टेरेसा स्कूल कंपाउंड की जमीन को लेकर नामांतरण हुआ है और उसके नगर पालिका में पंजीयन और नामांतरण लेकर अन्य प्रक्रिया की गई थी उसमें जो भी जिम्मेदार अधिकारी थे उनके बारे में पुलिस ने अपनी जांच में पड़ताल की। पड़ताल के बाद यह कार्रवाई की है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन एसडीएम सीके गुप्ता जो कि वर्तमान में अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करते हुए 2006 से 2008 के बीच में भूमि का डायवर्शन किया। साथ ही नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र भी इनके ही कार्यकाल में प्रदान किया गया। वर्ष 2008 में पारित आदेश में अभिलेखों को एसडीएम द्वारा ईपी दास की भूमि के स्वामित्व की जमीन बता दी गई। साथ ही उसमें यहां की लिखा था कि दास की जाति आदिवासी नहीं है। 

    ठाकुर पर यह आरोप...........

वहीं सुधीर ठाकुर जो कि नगरपालिका के सब इंजीनियर रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2008 में सर्वे नंबर 29- 2 के भूखंडों की अनुमति नियमों के विरुद्ध दी गई। संबंधित आवश्यक पंजीकृत दस्तावेजों के अभाव में समस्त निर्माण अनुमति जारी कर दी गई। अपने पद का दुरुपयोग कर शासन की जन कल्याण भूमि की अफरा तफरी की गई।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने