पूरा तो हर सपना होगा।
पर कांटों पर चलना होगा।।
सबके खातिर जीकर देखो।
कहीं तो कोई अपना होगा।।
चिंगारी हो निकलो बाहर।
बनकर आग दहकना होगा।।
आसमान पर छाना है तो।
बनकर चांद चमकना होगा।।
दीपक बाती बन जाओ तुम।
अंधेरों से लड़ना होगा।।
बैठे रहने से क्या होगा।
आगे -आगे बढ़ना होगा।।
काम बड़ा ना शूली चढ़ना।
जड़ से शूल कुचलना होगा।।
चुप रहने से मिट जाओगे।
मन से तुम्हें उबलना होगा।।
चट्टानों से कह दो जाकर।
अबतो तुम्हें पिघलना होगा।।
राजा अगर निरंकुश हो तो।
मुंह से आग उगलना होगा।।.........."अनंग "
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