हरिद्वार 'धर्म संसद' पर क्या कह रहे हैं भारत के मुस्लिम नेता?
दिल्ली और हरिद्वार में दो कार्यक्रमों के दौरान मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ और हिंसा के लिए उकसावे वाले बयान देने के बाद कई मुस्लिम शख़्सियत, नेताओं और संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की है.
उत्तराखंड के हरिद्वार में इस महीने की 17 तारीख़ से लेकर 19 तारीख़ तक एक 'धर्म संसद' का आयोजन किया गया था.
वहाँ मौजूद लोगों के 'विवादित भाषणों' के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
कार्यक्रम के दौरान वक्ता 'धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, 2029 तक मुस्लिम प्रधानमंत्री न बनने देने, मुस्लिम आबादी न बढ़ने देने और हिंदू समाज को शस्त्र उठाने का आह्वान करने' जैसी बातें करते नज़र आ रहे हैं.
इसी तरह का कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में बीते रविवार को 'हिन्दू युवा वाहिनी' नामक संगठन ने आयोजित किया था.
इस कार्यक्रम का भी वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है. इस वीडियो में भी एक समुदाय विशेष के ख़िलाफ़ हिंसा और हिन्दुओं को हथियार उठाने के लिए शपथ दिलाई जा रही है.
लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके कहा है कि "नरसंहार के लिए उकसाना सामान्य नहीं है. सभ्य समाज असहिष्णु भाषण बर्दाश्त नहीं करते. अपने नागरिकों के ख़िलाफ़ युद्ध के लिए हथियार उठाने का आह्वान नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए. हरिद्वार नरसंहार शिखर सम्मेलन 'असामाजिक' नहीं था. यह समय चौंकने का नहीं है बल्कि सक्रिय रूप से कट्टरवाद का मुक़ाबला करने का है."
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