औरैया // बड़े वाहनों को किराए पर लेकर चेचिस व पंजीकरण नंबर और बॉडी बदलकर बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना सहित 5 से अधिक सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है सभी आरोपियों की निशानदेही पर छह ट्रक, एक ट्रैक्टर व नंबर बदलने में प्रयुक्त सामग्री बरामद की है पुलिस अभिषेक वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 नवंबर को रहमद्दीन खान निवासी अहेरीपुर इटावा, हाल पता जमुहीं दिबियापुर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि शमी अहमद निवासी हमीरपुर ऐरवाकटरा व कोतवाल निवासी ऐरवाकटरा ने उनसे दो ट्रक किराए पर लिए थे एक ट्रक तो काफी मशक्कत के बाद मिल गया, लेकिन दूसरा ट्रक व किराए के 12 लाख 71 हजार रुपये नहीं दे रहे उल्टा धमका रहे हैं बताया कि इसके बाद स्वाट टीम व पुलिस ने छानबीन शुरू की जिसमें खुलासा हुआ कि शमीम व गैंग के अन्य लोग अंतर्राज्यीय गिरोह चला रहे हैं गिरोह के सदस्य विभिन्न प्रदेशों से ट्रक व बड़े वाहन किराए पर लेते हैं। इसके बाद बॉडी, चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर बदलकर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद वाहनों को बेच देते हैं इसके बाद विभिन्न कंपनियों से वाहनों का फाइनेंस कराकर ट्रक चोरी होने की सूचना दे देते थे इस तरह के फर्जीबाड़े में आठ ट्रक, तीन ट्रैक्टर, एक बस, पिकअप का मामला प्रकाश में आया है। प्रभारी निरीक्षक दिबियापुर विकास राय, महिला दरोगा नीरज शर्मा ने स्वाट टीम के सदस्यों की मदद से शमी अहमद निवासी हमीरपुर एरवाकटरा, प्रेम चंद्र निवासी कांशीराम कालोनी, रामगोविंद गुप्ता व विनय कुमार गुप्ता निवासी धन्नू पुर्वा हरदोई, कोतवाल पुत्र हबीब हसन निवासी मोहल्ला कोहली एरवाकटरा, मोहम्मद सलमान निवासी चांदपुरा बहराइच, सुधीर कुमार निवासी रामगंज पक्का तालाब बस स्टाप फतेहपुर को गिरफ्तार किया है इनकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने छह ट्रक, एक ट्रैक्टर, दो नंबर प्लेट, चेचिस व रजिस्ट्रेशन नंबर बदलने में प्रयुक्त डाई, दो हथौड़ी, ग्राइंडर मशीन आदि बरामद किया है फर्जी एनओसी बनाकर लेते थे नया नंबर औरैया पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि आरोपी दूसरे प्रदेशों से लाए गए वाहनों के नंबर बदल लेते थे इसके बाद दूसरे प्रदेशों की फर्जी एनओसी तैयार कर उत्तर प्रदेश के जिले में पंजीयन कराते थे ये काम गिरोह के सभी सदस्य काफी दिनों से करते चले आ रहे हैं एआरटीओ कार्यालय के कर्मियों की संलिप्तता की होगी जाँच औरैया जिले में चल रहे फर्जीबाड़े का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी सैकड़ों वाहनों का फर्जी पंजीयन मिला है फर्जीबाड़े में उस समय भी एआरटीओ विभाग के कई कर्मचारी व अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई थी एसपी ने बताया कि एआरटीओ कार्यालय के कर्मियों व तत्कालीन एआरटीओ की संलिप्तता भी प्रकाश में आई है इसपर भी जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा, गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव 
   

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