माफिया विधायक मुख्तार अंसारी के गिरोह आइएस-191 को नेस्तानाबूत करने के लिए शासन-प्रशासन आमादा है। अभियान चलाकर गिरोह के सिंडिकेट के तोड़ने में प्रशासन जुटा है। गाजीपुर, आजमगढ़, वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई जनपदों में गिरोह पर जहां ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है तो अकेले मऊ में अब तक 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली गई है।

गिरोह से जुड़े एक-एक अपराधियों, नामचीन सफेदपोशों, कोल माफियाओं, भू-माफियाओं, वसूली माफिया आदि की कुंडली तैयार कर मुख्तार गिरोह के फैले आर्थिक साम्राज्य को झटके पर झटका दिया जा रहा है। जनपद में जहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के मामले में पत्नी के नाम मुकदमा दर्ज किया गया तो दोनों बेटों के नाम की जमीन को भी जब्त कर लिया गया। 2007 से 2012 के बीच मायावती सरकार ने मुख्तार अंसारी गिरोह के विरुद्ध कार्रवाई की थी। इसमें मछली व्यवसाय के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हुई। एकबारगी ऐसा लगा था कि गैंग टूट गया है परंतु समय के साथ एक बार फिर गिरोह फला-फूला। गिरोह ने मऊ सहित पूर्वांचल में एक बार फिर अपना सिक्का जमाया।2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही योगी सरकार ने मुख्तार गिरोह को एक बार फिर निशाने पर लिया। गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, वाराणसी सहित पूर्वांचल में पीडब्ल्यूडी, जिला पंचायत व आरइएस के ठेकों पर सिक्का जमाए मुख्तार गिरोह की धमक खत्म करने का काम किया तो तो गिरोह से जुड़े सफेदपोशों, भू-माफियाओं व ठेकेदारों के संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया जाने लगा। एक-एक अवैध संपत्ति की जांच के बाद होने वाली कार्रवाई से गिरोह के जुड़े लोग भूमिगत हो गए।

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