पोषक नहर के राजवाहांे/अल्पिकाओं पर स्थित क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत हेतु 37.29 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त
लखनऊः दिनांक: 13 दिसम्बर, 2021
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा पोषक नहर के 75.112 किमी0 से 140.630 के मध्य निकलने वाले राजवाहों/अल्पिकाओं पर क्षतिग्रस्त पुल एवं पुलियों की मरम्मत हेतु प्राविधानित धनराशि 25000 लाख रुपये में से 37.29 लाख रूपये अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना के सम्बंध में सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य शुरू किया जाय।
इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 09 दिसम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का होगा। परियोजना में कराये जाने वाले कार्यों में गुणवत्ता एवं समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। नियमानुसार आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
लखनऊः दिनांक: 13 दिसम्बर, 2021
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा पोषक नहर के 75.112 किमी0 से 140.630 के मध्य निकलने वाले राजवाहों/अल्पिकाओं पर क्षतिग्रस्त पुल एवं पुलियों की मरम्मत हेतु प्राविधानित धनराशि 25000 लाख रुपये में से 37.29 लाख रूपये अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना के सम्बंध में सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य शुरू किया जाय।
इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 09 दिसम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का होगा। परियोजना में कराये जाने वाले कार्यों में गुणवत्ता एवं समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। नियमानुसार आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
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