फुलवारीशरीफ. एलिफैंट मैन उर्फ हाथी काका के नाम से मशहूर अख्तर इमाम उर्फ अख्तर मुखिया की जमीन विवाद में गोली मारकर हत्या की गई थी. हत्या के 27 दिनों के बाद पटना पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए इस बात की जानकारी दी. अख्तर मुखिया हत्याकांड का खुलासा करते हुए फुलवारीशरीफ थाना में एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि 3 नवंबर को जानीपुर के मुर्गिया चक में एलीफेंट नाम से मशहूर अख़्तर इमाम उर्फ़ अख्तर मुखिया को अपराधी ने गोलियों से छलनी कर हत्या कर दिया था. पुलिस ने अख्तर मुखिया हत्याकांड में सुपारी देने वाले सज्जू उर्फ शहजादा और एक शूटर सोनू उर्फ सरफ़ुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्याकांड में शामिल दो अन्य अपराधी अभी भी फरार चल रहे हैं. पुलिस ने इस हत्याकांड में प्रयुक्त हथियार और मोटरसाइकिल को भी अभी तक बरामद नही कर पाई है. पुलिस का दावा है कि फरार शूटरों के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी है.

जमीन विवाद में हुई हत्या

हत्या में शामिल अपराधियो ने पुलिस को बताया कि हम लोग एक जमीन के फर्जी खरीद बिक्री का ग्राहक बनकर रुपये देने के नाम पर हत्या वाले दिन वहां पहुंचे थे. अपराधियो की मंशा अख्तर के साथ ही उसके केयर टेकर चन्दन की हत्या का भी था. लेकिन उस वक्त केयर टेकर कहीं दूसरी जगह नास्ता करने चला गया था. जिससे उसकी जान बच गयी. पुलिस को अख्तर की हत्या में उसके परिवार वालों का कोई हाथ नहीं नजर आया है. एएसपी ने बताया कि फुलवारीशरीफ के जानीपुर थाना थाना कांड संख्या 916 / 2021 दिनांक 04.11.2021 को जानीपुर में दर्ज कराया गया था. जिसमे धारा -302 / 326 / 34 भा 0 द 0 वि एंव 27 आर्म्स एक्ट के तहत अनुसन्धान प्रारम्भ किया गया। सर्विलांस के आधार पर कई संदिग्ध मोबाइल नम्बर मिला जिससे मृतक और उसके केयर टेकर से कुछ लोग जमीन के ग्राहक बनकर संपर्क कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक अख्तर मुखिया जमीन का कारोबार करता था. उसका कई लोगों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. जिसमें रिटायर सिपाही मोहम्मद खुर्शीद के बेटे ने सुपारी देकर उसकी हत्या करा दी. गिरफ्तार सुपारी देने वाला संजू ने पुलिस को बताया है कि उसकी जमीन पर अख्तर मुखिया जबरदस्ती कब्जा बनाए हुए थे.

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