किसान एक्सप्रेस से टकराई ईट लदी ट्राली, बाल-बाल बचे यात्री
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
अंबेडकरनगर। गेटमैन की लापरवाही से लखनऊ-वाराणसी रेलखंड पर अटवाई रेलवे क्रासिग पर ईंट लदी ट्रैक्टर-ट्राली किसान एक्सप्रेस से टकरा गई। ट्रेन के चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से बच गया। हालांकि, यात्रियों की जान हलक में आ गई। ट्राली क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। ट्रेन करीब एक घंटे तक घटनास्थल पर रुकी रही। आरपीएफ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।
धनबाद से फिरोजपुर जाने वाली 3307-अप किसान एक्सप्रेस सुबह अकबरपुर जंक्शन से रवाना होने के बाद कटेहरी रेलवे स्टेशन बगैर रुके तेज रफ्तार आगे बढ़ रही थी। यह अहिरौली थाने के गांव अटवाई के पास गेट नंबर 91-सी क्रासिग पर 10 बजकर 24 मिनट पर पहुंची थी। इसी बीच ईट लादे ट्रैक्टर-ट्राली रेल लाइन से गुजर रही थी।
गेटमैन ने ट्रैक्टर को पार कराने के लिए गेट खोला था। क्रासिग पर ट्रैक्टर तो पार हो गया लेकिन ट्राली से ट्रेन का इंजन टकरा गया। हुक टूटने से ट्रैक्टर अलग हो गया और ट्राली फंसकर ट्रेन के साथ घिसटते हुए कुछ दूर तक चली गई। पीआरवी और अहिरौली थाना, अकबरपुर आरपीएफ थाने की पुलिस पहुंची। करीब 11 बजे यातायात बहाल होने के बाद ट्रेन 11 बजकर 16 मिनट पर रवाना हो सकी।
आरपीएफ थाने के निरीक्षक बृजेश यादव ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
हादसा देखने वाले बोले भगवान और चालक ने बचाई हजारों जिदगी
शिवकुमार तिवारी, अंबेडकरनगर: ट्राली और ट्रेन के डिब्बों के आपस में टकराने पर धमाके जैसी आवाज संग चिगारियों की फुहार देखने वाले घटना की भयावहता बयां कर कांप उठे। धूल के गुबार उठने से आंधी व धुएं जैसा मंजर काफी देर बाद शांत हुआ। इसके बाद सबकुछ ठीक-ठाक देख सभी दंग रह गए। ट्रेन में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया। वे अनहोनी की आशंका से घबरा गए। चपेट में आए एवं उसके आसपास के डिब्बों से यात्रियों की चीख पुकार से चलती ट्रेन में अफरातफरी मच गई।
ट्रेन रुकते यात्री बाहर कूदने लगे। असलियत जानने के बाद उनकी जान में जान आई। इस हादसे से ट्रेन करीब एक घंटे विलंब से रवाना हुई। अगले स्टेशन पर बहुत से यात्रियों को दूसरी ट्रेन विलंबित होने का कारण पता चला तो सभी चालक की सूझबूझ की सराहना करने लगे। हादसा होने से रूट बाधित रहा तो कई ट्रेनों का परिचालन विलंबित हुआ।
अनदेखी बनी हादसे की वजह: लखनऊ-वाराणसी रेलखंड पर रेललाइन का दोहरीकरण चल रहा है। अटवाई क्रासिग के पास अंडरपास निर्माणाधीन है। यातायात के लिए बगल से वैकल्पिक व्यवस्था है, लेकिन यह सुगम नहीं है। उचित ढलान नहीं होने तथा ऊंचाई अधिक होने के साथ गिट्टियां मार्ग पर फैली हैं। इससे अधिक ऊंचाई पर वाहन चढ़ नहीं पाते हैं। इस परेशानी से बचने में चालक ट्रैक्टर लेकर क्रासिग को पार कर रहा था और हादसे का शिकार हो गया।
पहले भी हो चुके हादसे: अटवाई रेलवे क्रासिग पर पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं। करीब तीन वर्ष पहले यहां ट्रेन की चपेट में आने से एक टेंपो दो टुकड़ों में हो गया था और इस हादसे में चालक की मौत हो गई थी। करीब दस वर्ष पहले ट्रेन की चपेट में आने से एक ट्रैक्टर दो भागों में बंट गया था, इसमें भी चालक गंभीर रूप से घायल हो गया था। गत वर्ष यहां ट्रेन की चपेट में आने से एक स्थानीय व्यक्ति घायल और उसकी मोपेड क्षतिग्रस्त हो गई थी।
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