श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह द्वारा एक दिवसीय उभरते सितारे कानक्लेव-कम-एक्सपो का शुभारंभ
देश को ग्लोबल सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा बनाने में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका होगी
अगले तीन वर्षों में प्रदेश से तीन लाख करोड़ निर्यात का लक्ष्य
साढ़े चार वर्षों में 80 से 85 लाख नई एमएसएमई की स्थापना
-श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह
एक्पोर्ट प्रमोशन काउंसिल में 1000 नई निर्यात इकाइयां पंजीकृत
इंलैण्ड कंटेनर डिपो के अलावा सी-पोर्ट तक ट्रक से माल भेजने पर भी मिलेगा सब्सिडी का लाभ
-डा0 नवनीत सहगल
लखनऊः दिनांकः 11 नवम्बर, 2021
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां होटल रेनेसां में आयोजित एक दिवसीय उभरते सितारे कानक्लेव-कम-एक्सपो का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विजन है कि भारत देश को ग्लोबल सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा बनाया जाय। इस उद्देश्य को पूरा करने में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा पिछले वर्ष प्रदेश से लगभग 1.21 लाख करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया है। अगले तीन वर्षों में इसे बढ़ाकर तीन लाख करोड़ करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई निर्यात प्रोत्साहन नियमावली बनाई गई और इसमें निर्यातकों के लिए विशेष प्रोत्साहनों का प्राविधान किया गया है।
श्री सिंह ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा उभरते सितारे फण्ड का शुभारंभ किया गया था। यह कार्यक्रम निर्यातकों की वित्तीय कठिनाइयों के निराकरण हेतु एक बेहतर प्लेटफार्म साबित हो रहा है और निर्यातकों को हैण्ड-होल्डिंग मिल भी रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में इस कार्यक्रम का विशेष प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे अधिक से अधिक निर्यातक इसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में पहले से लगभग 90 लाख के आस-पास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयां स्थापित है। वर्तमान सरकार के प्रयासों से मात्र साढ़े चार वर्षों में 80 से 85 लाख नई एमएसएमई की स्थापना हुई है।
श्री सिंह ने कहा कि कोरोना काल में भी प्रदेश से निर्यात घटने नहीं दिया गया है। उत्तर प्रदेश को निर्यात का हब बनाने के लिए पीडब्ल्यूसी का गठन किया गया और इसके माध्यम से प्रमुख 15 क्षेत्रों से 100 उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने में प्रमुखता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से विभिन्न प्रकार के लगभग 22 उत्पादों को 19 देशों में निर्यात हो रहा है। इसमें 23 नये उत्पादों को जोड़ने के साथ ही 31 अन्य देशों में निर्यात को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्षों के निर्यात गैप्स का विश्लेषण कराकर गैप्स को पूरा करने की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि उत्तर प्रदेश लैण्ड-लॉक स्टेट की श्रेणी में आता है, फिरभी यूपी में निर्यात का बड़ा स्कोप है। अगले तीन वर्षों में तीन लाख करोड़ निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने में उभरते सितारे फण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले का एक्सपोर्ट प्लान तैयार कराया जा रहा है। छोटे शहरों के निर्यातकों तक पहुंच बनाई जा रही है और उन्होंने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। इसके फलस्वरूप एक्पोर्ट प्रमोशन काउंसिल में 1000 नई निर्यात इकाइयां पंजीकृत हुई हैं।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नई निर्यात नीति में निर्यातकों के लिए सुविधाओं को बढ़ाया गया है। प्रोडक्शन हाउस से पोर्ट तक कंटेनर के परिवहन हेतु दी जा रही छः हजार रुपये की सब्सिडी को बढ़ाकर 12 हजार रुपये किया गया है। साथ ही इनलैण्ड कंटेनर डिपो (आईटीसी) के साथ-साथ सी-पोर्ट तक ट्रक से माल भेजने पर भी इस सब्सिडी का लाभ निर्यातकों को मिलेगा। एअर फ्रेट सब्सिडी को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की गई है। उन्होंने कहा कि मार्केटिग डेवलपमेंट एक्सटेंशन स्कीम के तहत मेले एवं प्रदर्शनियों में हिस्सा लेने वाले निर्यातकों को दी जाने वाली सुविधाओं को दोगुना किया गया है। साथ ही विदेशी खरीददारों को सैम्पल भेजने पर आने वाले खर्च का 75 प्रतिशत हिस्सा सरकार वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि ई-कामर्स को बढ़ावा देने के फलस्वरूप फ्लिपकार्ट पर 1000 करोड़ रुपये मूल्य के एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) उत्पादों की बिक्री हुई है। प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए राज्य सरकार निर्यातकों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ नवीनत्म टेक्नालॉजी से जोड़ने में मदद करेंगी।
इस कानक्लेव का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार एवं इलेट्स टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 द्वारा किया गया। कार्यक्रम में इलेट्स के सीईओ डा0 रवि गुप्ता सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी एवं उद्यमी मौजूद थे।
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