पटाखों पर प्रतिबंध के बाद शहरी इलाके में शाम होते ही आतिशबाजी शुरू हो गई, हालांकि पिछले साल के मुकाबले में आतिशबाजी का शोर व धुएं की तीव्रता में कमी रही। गुरुवार देर शाम तक बनारस के कई इलाके येलो जोन से ऑरेंज जोन में पहुंच चुके थे।
शहर के चेतगंज, लहुराबीर, गोदौलिया, मलदहिया और जगतगंज के इलाके में सुबह से ही धूम धड़ाका शुरू हो गया था। हालांकि पिछले दो साल के मुकाबले पटाखों का शोर काफी कम रहा। अधिकांश लोगों ने तेज आवाज की बजाय रोशनी वाले पटाखों पर जोर दिया।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बृहस्पतिवार सुबह से ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (क्यूआई) में बढ़ोतरी शुरू हो गई। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह 194 दर्ज किया गया और शाम को वायु गुणवत्ता सूचकांक दो सौ के पार पहुंच गया। बुधवार को येलो जोन में आने के बाद दूसरे दिन ऑरेंज जोन में तब्दील हो गया। सबसे अधिक प्रदूषित इलाका मलदहिया रहा।
शहर के चेतगंज, लहुराबीर, गोदौलिया, मलदहिया और जगतगंज के इलाके में सुबह से ही धूम धड़ाका शुरू हो गया था। हालांकि पिछले दो साल के मुकाबले पटाखों का शोर काफी कम रहा। अधिकांश लोगों ने तेज आवाज की बजाय रोशनी वाले पटाखों पर जोर दिया।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बृहस्पतिवार सुबह से ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (क्यूआई) में बढ़ोतरी शुरू हो गई। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह 194 दर्ज किया गया और शाम को वायु गुणवत्ता सूचकांक दो सौ के पार पहुंच गया। बुधवार को येलो जोन में आने के बाद दूसरे दिन ऑरेंज जोन में तब्दील हो गया। सबसे अधिक प्रदूषित इलाका मलदहिया रहा।
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