नहीं चली ई-पॉप मशीन, प्रभावित हुई धान की खरीद
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
अंबेडकरनगर। सॉफ्टवेयर अपलोड करने के चलते मंगलवार को धान खरीद से जुड़ी ज्यादातर ई-पॉप मशीनें चल नहीं सकीं। नतीजतन जिले के ज्यादातर क्रय केंद्रों पर धान खरीद प्रभावित रही। इससे धान की बिक्री करने पहुंचे सैकड़ों किसानों को मायूसी हाथ लगी। किसानों का कहना रहा कि सॉफ्टवेयर अपलोड ही किया जाना था तो इसे पहले ही निपटा लेना चाहिए था या फिर समय रहते इसकी जानकारी किसानों को दे दी जानी चाहिए थी।
धान की बिक्री करने के लिए शुरुआती दौर में किसानों के सामने तमाम मुश्किलें हैं। साधन सहकारी समिति के सचिवों की हड़ताल के चलते ज्यादातर सहकारी समितियों पर खरीद का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। इसके अलावा कहीं कांटा-बाट खराब है तो कहीं अन्य कारणों से खरीदारी नहीं हो रही है। जिले के 62 क्रय केंद्रों पर इस बीच ई-पॉप मशीन के काम न कर पाने से धान खरीद प्रभावित हुई।जिला मुख्यालय स्थित नवीन मंडी परिषद परिसर में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। यहां अलग-अलग एजेंसियों के कुल 16 केंद्र स्थापित हैं। इनमें से 11 केंद्रों पर ही खरीद हो रही है। यहां जिन एजेंसियों के केंद्र हैं, उनमें मार्केटिंग के 12, पीसीएफ के तीन व मंडी का एक केंद्र है। इनमें से 11 केंद्रों पर अब तक साढ़े 400 क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है।
प्रतिदिन की तरह मंगलवार को सुबह से ही धान की बिक्री करने के लिए किसान नवीन मंडी पहुंच गए। हालांकि खरीद शुरू नहीं हो सकी। जानकारी करने पर पता चला कि नया सॉफ्टवेयर अपलोड हो रहा है जिसके चलते ई-पॉप मशीन काम नहीं कर रही। पूरी तरह से अपलोड होने के बाद ही खरीद शुरू हो सकेगी। दोपहर तक नया सॉफ्टवेयर अपलोड नहीं हो सका जिससे धान की खरीद का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया। इससे धान बेचने आए किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
पीसीएफ क्रय केंद्र के सचिव संजय, रामकृपाल व राजन ने कहा कि अब तक पुराने सॉफ्टवेयर के माध्यम से ई-पॉप मशीन द्वारा खरीद हो रही थी। मंगलवार को नया सॉफ्टवेयर अपलोड किया जा रहा था। इसी के चलते ई-पॉप मशीन नहीं चल सकी जिससे धान खरीद नहीं हो सकी। उधर एसडीएम सदर पवन जायसवाल ने धान खरीद में तेजी सुनिश्चित करने के लिए बेवाना स्थित क्रय केंद्र का जायजा लिया। वहां क्रय केंद्र प्रभारी व अन्य कर्मियों को जरूरी निर्देश दिए।
धान की बिक्री करने पहुंचे किसान रामसेवक, घनश्याम व जगतराम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि सॉफ्टवेयर अपलोड करना था तो इसकी जानकारी पहले से ही किसानों को दे दी जानी चाहिए थी। धान बिक्री की उम्मीद लेकर यहां आए हैं लेकिन अब मायूसी ही हाथ लगी है। कई अन्य किसानों ने भी नाराजगी जताई। कहा कि धान खरीद सुचारु रूप से हो सके, इसके लिए जिम्मेदारों को ठोस कदम उठाना चाहिए।किसानों ने कहा कि धान खरीद का काम अचानक से शुरू नहीं हुआ है। इसकी समय रहते तैयारियां होनी चाहिए थी। किसान तुलसीराम व बृजेंद्र ने कहा कि किसानों को ज्यादा सुविधा मिल सके, यह तय होना चाहिए। किसी भी प्रकार की तकनीकी दिक्कत या मौकेे पर कांटा, बोरा व पैसे की कमी का सामना किसानों को न करना पड़े, यह प्रशासन को तय करना चाहिए।
खाद्य एवं विपणन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को जिले के सभी क्रय केंद्रों पर सॉफ्टवेयर अपलोड किए जाने का काम हुआ। इसके चलते ई-पॉप मशीन ठीक से नहीं चल सकी। हालांकि इससे धान खरीद का कार्य ठप नहीं हुआ। क्रय केंद्रों पर जो किसान पहुंचे थे, उनके धान की खरीद कराई गई। मशीनों के सही होने पर खरीद को ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
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