*धर्मेन्द्र सिंह को जांबाज़ दोरोगा कहें या फरिश्ता।*
*अयोध्या।*
आप सभी को बताते चल रहे है जिस खाकी पर अंगुली उठाने का कोई भी अवसर हम नहीं चूकते, उसने खुद की जान की बाजी लगा कर मानवता म आम ऐसा उदाहरण पेश किया।
"जिसके सामने सिर झुकाने से सैकड़ों लोग खुद को रोक नहीं पाए। रोडवेज बस में यात्रा कर रहे एक यात्री का आभूषण से भरा पर्स अयोध्या बाईपास स्थित साकेत पेट्रोल पंप के पास उतरते समय छूट करने पर परेशान यात्री ने वही पास में मौजूद जनपद अयोध्या के रुदौली थाने में तैनात,ईमानदार छवि के तेजतर्रार, उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह से मदद मांगी।
उन्होंने बिना किसी देरी के तत्काल आरक्षी को लेकर बस का लगभग 15 किलोमीटर पीछा करने के बाद सआदतगंज के पास जांबाज उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने बस को रोक कर सकुशल पर्स बरामद कर लिया।इसी क्रम में आपको बता देते है कि जनपद गोंडा के चिंदौतपुर निवासी मो.गोरखपुर से घर लौट रहे थे।
और कानपुर डिपो की बस से वह हाईवे पर स्थित साकेत पैट्रोल पंप के निकट उतरे थे।बस से उतरने के बाद उन्हें ज्ञात हुआ कि उनका गहने से भरा पर्स बस में छूट गया है।
बेशकीमती आभूषण पर्स को लौटाने वाले उपनिरीक्षक के कारनामे को ठीक ऐसे देखा जा रहा है, जैसे मानों कोई फरिश्ता।जी हां।
हम बात कर रहे है अयोध्या के रुदौली थाने में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात श्री सिंह की यूं तो धर्मेन्द्र सिंह अपने उत्तरदायित्व के निर्वाह व सामाजिक सरोकारों को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहे है..
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know