सरपतहां (जौनपुर): रबी सीजन की शुरुआत से ही फास्फेटिक उर्वरकों की लगातार बनी किल्लत से किसान परेशान हैं। पिछले दिनों जो थोड़ी-बहुत आपूर्ति हुई वह भी जरूरत व उपलब्धता के आंकड़ों के आधार पर 'ऊंट के मुंह में जीरा' साबित हुई। लिहाजा अब किसान निजी दुकानों से महंगे दामों पर उर्वरक खरीदने को मजबूर हैं।
बताते चलें कि फास्फेटिक उर्वरक यथा डीएपी व एनपीके आदि की रबी सीजन में भारी मांग रहती है। गेहूं, जौ से लेकर आलू व दलहनी फसलों तक कि बोआई बगैर इस उर्वरक के संभव ही नहीं है। कितु इस वर्ष लगातार इसकी कमी बनी हुई है। पहले तो आपूर्ति शुरू होने में देर हुई अब पीक सीजन में समितियों से उर्वरक गायब होने से किसान मारे-मारे फिर रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय सहकारी समिति, अरसियां के अध्यक्ष बेचन सिंह कहते हैं कि एक-दो दिनों के रैक आने के आसार हैं। समितियों पर इसके बाद ही उर्वरक उपलब्ध हो पाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अभी तक जितनी भी उर्वरक उपलब्ध हो पाई थी किसानों को उनसे आधार कार्ड लेकर एक-दो बोरी के हिसाब से वितरित कर दी गई, लेकिन अब गेहूं की बोआई शुरू होने से जरूरत बढ़ गई है। यदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कि गई तो किसानों को समस्या होना तय है। उधर, इफको के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक डा. डी के सिंह का कहना है कि अभी गाड़ी लोडिग में नहीं लगी है। आसार हैं कि सरकारी समितियों पर डीएपी सप्ताह के अंत तक ही उपलब्ध हो पाएगी।
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