राम , लखन की भोली सूरत देख नगर के नर-नारी हुए मोहित
(बहराइच):नौशहरा के मसुरिहा में रामलीला के चौथे दिन पुष्प वाटिका व जनकपुरी के मीना बाजार में श्रीराम व लक्ष्मण के भ्रमण के लीला का मंचन किया गया।भगवान श्रीराम व लक्ष्मण जनकपुरी के मीना बाजार का भ्रमण किया। इसके बाद पुष्प वाटिका की लीला हुई। अयोध्या के नरेश राजा दशरथ के दोनों राजकुमार श्रीराम-लक्ष्मण को साथ लेकर ऋषि विश्वामित्र जनकपुरी पहुंचते है।दोनों की भोली सूरत देख नगर के नर-नारी मोहित हो जाते हैं। वे आपस में बात करते है कि ऋषि के साथ ये अति सुंदर राजकुमार किस देश से आये है नगर के नर नारियों में श्रीराम,लक्ष्मण के बारे में जानने की इच्छा जागृत होती है।श्रीराम-लक्ष्मण जब मीना बाजार में घूमते हैं,तो नगरवासी उन्हें घेर लेते है और हंसी-ठिठोली करते हैं।श्रीराम-लक्ष्मण गुरू विश्वामित्र के चरणों की सेवा कर विश्राम करते दिखाई देते हैं। विश्वामित्र राम को आज्ञा देते है कि पूजा के लिए ताजे फूलों की आवश्यकता है तुम पुष्प वाटिका से पुष्प ले आओ। तब गुरू की आज्ञा पाकर वे पुष्प वाटिका जाते हैं। उधर,गौरी पूजन के लिए सीता सखियों के साथ पूजा के फूल लेने पुष्प वाटिका पहुंचती हैं।सीता जी,श्रीराम को देखते ही मोहित हो जाती हैं। रामलीला देखने वालो की भीड़ लगी रही। इस दौरान राजेंद्र प्रसाद त्रिवेदी,दीपक त्रिवेदी, पं शुभम मिश्र,काली प्रसाद, संपत्ति त्रिवेदी, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, ग्रिजेश कुमार, राकेश त्रिवेदी,कुंदन आदि लोग मौजूद रहें।
पंडित शुभम मिश्र ने बताया कि यह रामलीला लोगो के अंदर गुण भरकर संस्कार से रहना सिखाती है ओ धन्य है जो रामलीला में पाठ करते हैं। और धन्य है हम लोग जो इस रामलीला को देखने का सौभाग्य मिला । ये कोई ऐसी वैसी लीला नहीं है रामलीला एक मनमोहक लीला है ।
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