औरैया // कृषि विज्ञान केन्द्र परवाहा में किसानों को बाकले की खेती की जानकारी प्रदान की गई जिसमें किसानों को बताया गया कि खेती के लिए नवम्बर माह ज्यादा उपयुक्त है किसान आलू के साथ बाकले की पैदावार करके अच्छे उत्पादन के साथ साथ अपनी आय को भी बढ़ा सकते हैं यह फसल सहफसली खेती है इसे आलू एवं गोभी दोनों के साथ बो सकते हैं कृषि विज्ञान केन्द्र परवाहा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. इंद्रपाल सिंह ने बताया कि बाकले की अच्छी पैदावार के लिए बुवाई हमेशा लाइनों में करनी चाहिए लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 7 से 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए बीज 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई पर बुवाई करनी चाहिए यदि बीज का जमाव कम हो तो खाली स्थान पर दोबारा बीज की बुवाई पुनः कर देनी चाहिए जिससे पूरा उत्पादन प्राप्त हो पछेती बुवाई में बाकले के बीज की किनारों पर बुवाई कर सकते हैं माह के दूसरे सप्ताह से इसकी बुवाई शुरू हो जाती है बाकले में एक सिंचाई बुवाई से पहले करनी चाहिए इसके बाद 2 से 3 सिंचाई इसके लिए पर्याप्त है पहली सिंचाई बुवाई के 30 दिन बाद, दूसरी फूल आने पर और तीसरी दाने बनने के समय कर देनी चाहिए। दाने बनने के समय नमी अवश्य बनाए रखे।
ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव
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