राजकीय इंजीनियरिग कालेज निर्माण में गड़बड़ी की जांच शुरू

          गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अंबेडकरनगर: राजकीय इंजीनियरिग कालेज के आवास और चारदीवारी निर्माण के अलावा टेंडर एवं भुगतान में अनियमितता करने को लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया है। इसकी जांच के लिए लोक निर्माण विभाग के दोनों अधिशासी अभियंताओं और जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने सात दिवस में जांच पूरी कर आख्या मांगी है।
राजकीय इंजीनियरिग कालेज का निर्माण कराने में कार्यदायी संस्था ने पुनरीक्षित लागत एवं अधूरा निर्माण दिखाते हुए शासन से बजट मांगकर डकारा है। कार्यदायी संस्था पैकफेड ने ठेकेदार द्वारा निर्धारित मिट्टी भरने पर तत्समय पूरा भुगतान कर दिया था। इसके बाद इसका दोबारा टेंडर करा दिया।
राजकीय इंजीनियरिग कालेज बनाने में कार्यदायी संस्था पैकफेड को टाइप-5 आवासीय, कार्यालय परिसर और टाइप-3 आवास का निर्माण मिला है। टाइप-3 आवास का भूतल पहले मिले बजट से बन चुका था। ठेकेदार को वर्ष 2018 में पैकफेड ने करीब चार से पांच लाख रुपये का भुगतान भी किया है। इसके दो साल बाद फरवरी 2021 में पैकफेड ने निर्माण अधूरा व लागत बढ़ने का हवाला देकर शासन से बजट हासिल किया है। अधिकतम पांच से दस हजार रुपये रनिग मीटर में बनने वाली चारदीवारी का पैकफेड ने 25 हजार 162.31 रुपये रनिग मीटर का रेट तय किया है।
मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा की संस्तुति पर जिलाधिकारी सैमुअल पॉल ने इसकी जांच के लिए लोक निर्माण विभाग एक्सईएन शंकर्षण लाल और महावीर सिंह के अलावा जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक राकेश प्रसाद की कमेटी गठित की है।

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