केंद्र प्रभारी व सहायक नदारद, चक्कर काट रहे किसान
गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अंबेडकरनगर । अन्नदाताओं को अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिलना तो दूर बेचने के भी लाले हैं। धान खरीद के लिए आलापुर तहसील में आठ क्रय केंद्र खोले गए हैं। इन पर खरीद की कच्छप गति से लक्ष्य पूरा होना तो दूर, किसान धान बेचने से ही वंचित रह जाएंगे। मीडिया टीम ने मंगलवार सुबह 10.45 बजे तहसील मुख्यालय की ग्राम पंचायत अन्नापुर में खाद्य एवं रसद विभाग के धान क्रय केंद्र पर दस्तक दी तो वहां का नजारा हैरान करने वाला रहा। केंद्र प्रभारी वरिष्ठ विपणन निरीक्षक अयोध्या प्रसाद सिंह नदारद थे। विपणन सहायक एवं अन्य कर्मियों का भी कोई पता नहीं था। पूरा दारोमदार अस्थाई मानव संसाधन के रूप में कार्यरत राहुल उर्फ गोलू के जिम्मे था।शाहपुर औरावं के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बाबूलाल अपना धान बेचने के लिए क्रय केंद्र का चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने बताया कि 10 दिन बाद भी धान नहीं बिक पाया। क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए अब तक 503 किसान अपना नंबर लगा चुके हैं, लेकिन महज छह किसानों से 140 क्विटल ही खरीद हो पाई है। ऐसा नहीं कि जिनका नंबर पहले लगा, उन्हीं के धान खरीदे गए हों, इसमें नंबर सिर्फ कागजी दिखावे के लिए है। जुगाड़ भी हावी है। नंबर चाहे जो हो, अस्थाई मानव संसाधन कर्मी को खुश कर ले गए तो आपके धान की तौल तुरंत हो जाएगी। यदि ऐसा नहीं कर पाए तो फिर अपना नंबर आने का इंतजार करिए।
केंद्र पर किसानों से अंगूठा लगवाने के लिए ई-पाश मशीन का होना आवश्यक है, लेकिन अन्नपूर्णा क्रय केंद्र पर नदारद रही। बताया गया कि केंद्र प्रभारी मशीन को ठीक कराने जनपद मुख्यालय गए हैं। इसके अलावा केंद्र पर दर्जनभर से अधिक किसान अपना नंबर लगाने व धान बेचने के लिए पूछताछ कर रहे थे, लेकिन जिम्मेदारों के गायब रहने से उन्हें समुचित उत्तर नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में किसान बैरंग लौटने को मजबूर थे। केंद्र पर दो ट्रालियां खड़ी थीं। सहिजना हमजापुर के किसान सत्यदेव के धान की तौल चल रही थी। नरियांव के किसान जयप्रकाश सिंह की ट्राली तौल की बारी आने के इंतजार में बाहर खड़ी थी। एक दिन में महज दो-तीन किसानों से ही खरीद हो पा रही है। ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि अब तक 503 किसानों ने जो नंबर लगाए है, कब तक उनकी तौल हो पाएगी। नंबर लगाने वालों का सिलसिला जारी है।
-स्थाई कर्मी ने दिया विरोधाभासी बयान : रजिस्टर में लिखापढ़ी करते मिले राहुल ने अपने को अस्थाई मानव संसाधन बताते हुए पहले कहा कि साहब आए थे, फिर मीटिग में चले गए हैं। इसी दौरान उसने विरोधाभासी बयान देते हुए कहा कि साहब ई-पॉश मशीन ठीक कराने गए हैं।
-सेवानिवृत्ति के बाद भी काम से निवृत्त नहीं : खाद्य एवं रसद विभाग के जोलहापुर में खोले गए धान क्रय केंद्र पर दो वर्ष पूर्व रामनगर में विपणन सहायक पद से सेवानिवृत्त हो चुके चंद्रभूषण यादव धान खरीद का पूरा जिम्मा संभाले हुए मिले। केंद्र प्रभारी रमेश यादव नदारद थे, लेकिन उनकी कुर्सी खाली नहीं थी। बाकायदा सेवानिवृत्त विपणन सहायक चंद्रभूषण यादव विराजमान थे, जो केंद्र पर आने वाले किसानों को समझा रहे थे तथा धान की खरीद करवा रहे थे। केंद्र प्रभारी रमेश यादव ने दूरभाष पर बताया कि मीटिग में जिला मुख्यालय पर हैं।
-धान क्रय केंद्र व खाद्यान्न का गोदाम संभाल रहे श्रमिक: खाद्य एवं रसद विभाग का प्रतिदिन अजब-गजब कारनामा सामने आ रहा है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो जनचर्चा का विषय बना है। कहीं कोई धान क्रय केंद्र श्रमिक संभाल रहा है तो कहीं गोदाम से खाद्यान्न उठान/निकासी का जिम्मा भी मजदूर के सहारे है। खाद्य एवं रसद विभाग के जगदीशपुर स्थित गोदाम पर तैनात महेंद्र नाम का श्रमिक उचित दर विक्रेताओं को खाद्यान्न की उठान करता दिखाई पड़ रहा है। लोगों से पूछने पर वह कह रहा है कि पूरा गोदाम ही मेरे जिम्मे है, मैं जो चाहूं वह करूं। उठान हो या फिर निकासी सब मेरे जिम्मे है। लिखापढ़ी से लेकर पूरा कार्य मैं ही देखता हूं। अब सवाल उठता है कि जब श्रमिकों को ही पूरा कार्य करना है तो फिर विपणन निरीक्षक, सहायक एवं अन्य कर्मचारियों की तैनाती का क्या मतलब है? वरिष्ठ विपणन निरीक्षक रमेश यादव ने बताया कि मीटिग में हूं, बाद में बात करेंगे।
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