नहीं मिले फिजीशियन, निराश लौटे मरीज

          गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अंबेडकरनगर। जिला अस्पताल में फिजीशियन से इलाज कराने पहुंचे मरीजों को तगड़ा झटका लगा। कई मरीजों को ओपीडी से बिना उपचार के ही मायूस होकर लौटना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां तैनात तीन फिजीशियन में से एक चिकित्सक अवकाश पर थे तो एक ने इमरजेंसी की सेवा संभाल रखी थी। तीसरे फिजीशियन न्यायालय चले गए।
नतीजतन मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक दूरदराज के क्षेत्रों से आए मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। मरीजों व तीमारदारों ने नाराजगी जताते हुए सीएमएस से शिकायत की। इसके बाद लगभग साढ़े 12 बजे सीएमएस ने इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक को ओपीडी से जाने वाले मरीजों का भी इलाज करने को कहा। हालांकि तब तक ज्यादातर मरीज मायूस होकर लौट चुके थे। मरीजों व उनके तीमारदारों का कहना था कि सही ढंग से इलाज सुनिश्चित हो सके, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए थी।जिला अस्पताल में बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर जाने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को एक बार फिर दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा। समय पर इलाज न हो पाने से भटकना पड़ा। चिकित्सकों का विलंब से अस्पताल पहुंचना व निर्धारित समय से पहले अस्पताल छोड़ देना, उनकी आदत में शुमार हो गया है। मंगलवार को भी कुछ इसी तरह की अव्यवस्था सामने आई।
जिला अस्पताल में तीन फिजीशियन डॉ. योगेश, डॉ. मनोज शुक्ला व डॉ. डीपी वर्मा की तैनाती है। मंगलवार को डॉ. योगेश अवकाश पर थे तो डॉ. डीपी वर्मा किसी केस के सिलसिले में कोर्ट गए हुए थे। डॉ. मनोज शुक्ला की ड्यूटी इमरजेंसी में लगी हुई थी।
उधर जिले के दूरदराज के क्षेत्रों से सुबह से ही मरीजों व उनके तीमारदारों का जिला अस्पताल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। ओपीडी सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई लेकिन फिजीशियन के कक्ष नहीं खुल सके। जिला अस्पताल में प्रतिदिन यूं तो एक हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं, इनमें से फिजीशियन को दिखाने वाले मरीजों की संख्या औसतन 500 के करीब होती है।
ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि तीनों फिजीशियन के ओपीडी में न होने से मरीजों व उनके तीमारदारों को कितनी समस्या का सामना करना पड़ा होगा। मंगलवार को मरीज व उनके तीमारदार इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। इससे उनमें नाराजगी व्याप्त होने लगी। दोपहर 12 बजे तक जब चिकित्सक ओपीडी में नहीं पहुंचे तो ज्यादातर मरीज व उनके तीमारदार निराश होकर लौट गए।जब दोपहर 12 बजे तक ओपीडी में फिजीशियन नहीं पहुंचे तो कुछ मरीज व उनके तीमारदार सीएमएस डॉ. ओम प्रकाश के कक्ष में पहुंच गए। नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। कहा कि यदि फिजीशियन नहीं थे तो वैकल्पिक की जानी चाहिए थी।
राजेसुल्तानपुर के किशन पांडेय, सोनगांव के दिलबरन, टांडा के जगदीश समेत कई अन्य मरीजों व उनके तीमारदारों ने कहा कि वे सुबह से ही इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं लेकिन कोई यह बताने वाला नहीं है कि चिकित्सक आएंगे भी या नहीं। शिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए सीएमएस ने इमरजेंसी में तैनात डॉ. मनोज शुक्ला से कहा कि ओपीडी से जो भी मरीज इमरजेंसी में जाए, उसका समुचित इलाज सुनिश्चित करें। हालांकि तब तक ज्यादातर मरीज व उनके तीमारदार निराश होकर अस्पताल से जा चुके थे।
जिला अस्पताल में इलाज के लिए भटक रहे सीहमई के सुशील ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे सुबह नौ बजे से ही इलाज के लिए भटक रहे हैं। सुबह के 11 बजने को हैं लेकिन अब तक इलाज नहीं हो सका। कहा कि अब मजबूर होकर उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ेगा।
अकबरपुर नगर के मुरादाबाद मोहल्ला निवासी इंद्रावती ने कहा कि तीन घंटे से ओपीडी में इधर-उधर का चक्कर लगा रही हैं लेकिन यहां कोई यह नहीं बता रहा है कि फिजीशियन आएंगे भी या नहीं। अस्पताल प्रशासन को मरीजों के हित को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी।
सीएमएस डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि कुछ समस्या सामने आई थी। इसे संज्ञान में लेते हुए ओपीडी से मरीजों को इमरजेंसी में भेजा गया जहां तैनात डॉ. मनोज शुक्ला ने वहां पहुंचे सभी लोगों का इलाज किया। इसके साथ ही जिलाधिकारी व न्यायालय को भी पत्र भेजा जाएगा कि मरीजों के हित को देखते हुए चिकित्सकों को दो बजे के बाद ही बुलाया जाए।

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