गोण्डा/यूपी के सफलतम मुख्यमंत्री में शुमार योगी आदित्यनाथ जी को शायद अधिकारी पुनः सत्ता में नही आने देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एक ओर जहां लगभग सभी जिलों के विविध एजेंसियो के माध्यम से किसानों के तैयार फसल धान के क्रय का कार्य तेजी से कर रहे हैं ।
वही जिला गोण्डा के कुछ धान क्रय केंद्र अभी तक नही शुरू हो सके हैं।जिससे धान किसान परेशान होकर दलालों के हाथ अपने तैयार फसल धान को बेहद कम दाम में बेंचने को विवश हैं।
चूंकि धान की फसल को बेंच कर ही किसानों को रवि के फसल की बुवाई की भर्ती तैयार करनी है। अब लगभग 15 दिन पहले से किसान अपने धान को सरकारी धान क्रय केंद्रों पर बेंचने की राह निहार रहे हैं। लेकिन अबतक धान क्रय केंद्र नही संचालित हो सकने से किसानों में न केवल निराशा है बल्कि काफी परेशान भी हैं। बताते चलें कि किसान अपनी फसल को दलालों के हाथों 800 से 900 रुपये प्रति कुन्तल बेंचकर घरेलू खर्चे निकालने को विवश हैं।
मामला रुपईडीह ब्लाक के आधा दर्जन धान क्रय केंद्रों का है गोकरन शिवाला के दो केंद्र , हिन्दुनगर बांकी, भटपी,कर्मडीह सहित कई अन्य धान क्रय केंद्र अबतक नही शुरू हो सके हैं।जिससे किसान परेशान हैं ।
धान क्रय केंद्र न शुरू होने से किसानों में न केवल निराशा का माहौल है बल्कि दलालों के हाथ अपने धान को औने-पौने भाव में बेंचने को मजबूर हैं।
स्थानीय निवासी राजनारायण, घिराउ,ननकऊ,रामरूप, यज्ञराम, लौहर, जगपती, लल्लू, कृपाल, राजमणि, दयाराम, वसीम,फौजदार, रामानुज, चोटकाउ धनीराम, गोबरे, रुस्तम, नसीर, मोहम्मद, रफीक, कलीम, इसहाक, तेजराम, राघव, जागप्रसाद, दीपनारायण, तेजराम, रामरूप ,तीर्थ राम, सीताराम, सतराम, छोटे ,राजू सहित सैकड़ों किसानों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा है कि गेंहू खरीद के लिए तो केंद्र समय से शुरू हुए थे लेकिन धान क्रय के लिए लगभग हर बार यही स्थिति बनती है ।इस बार तो लग रहा है कि खरीद ही नही होगी। ये नीति बहुत गलत है ।
किसान आखिर अपनी फसल का वाजिब दाम न पाएं ये तो गलत ही है। हमसभी गेंहू की बोवाई खाद ,खेत जोताई ,डीजल के लिए पैसे चाह रहे हैं जो धान बेंचकर ही प्राप्त होंगे ।ऐसे में सरकारी केकेंद्रों पर धान बिक नही रहा तो भला समय से गेंहू कैसे बोया जा सकेगा । स्थानीय गल्ला खरीदने वाले व दलाल धान 800 और 900 से ज्यादा में लेने को तैयार ही नही है। क्या किया जाय। जिले के आला अधिकारी व जिम्मीदारो को इसपर सख्त कदम उठाने चाहिए। जिससे हम किसानो का धान समय से बिक जाए और कृषि कार्य आगे बढ़े।
राघवराम तिवारी
गोण्डा
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