शारदा सहायक खण्ड-23 के आजमगढ़, जौनपुर एवं गाजीपुर में क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत हेतु 28.10 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत
लखनऊः दिनांक: 02 नवम्बर, 2021
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा शारदा सहायक खण्ड-23, आजमगढ़ कार्य क्षेत्र जनपद आजमगढ़, जौनपुर एवं गाजीपुर में क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 25000 लाख रुपये में से 38.10 लाख रूपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 02 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये।
इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।
लखनऊः दिनांक: 02 नवम्बर, 2021
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा शारदा सहायक खण्ड-23, आजमगढ़ कार्य क्षेत्र जनपद आजमगढ़, जौनपुर एवं गाजीपुर में क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 25000 लाख रुपये में से 38.10 लाख रूपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 02 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये।
इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।
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