तीनों लोक से न्यारी काशी की धरा पर 19 नवंबर की शाम इंद्रधनुषी छटा निखरेगी। 84 घाटों पर रोशनी का चंद्रहार पूरे खिले हुए चांद की रोशनी को चुनौती देता नजर आएगा। मौका होगा देव दीपावली का। गंगातट पर उतरे देवलोक की छवि जैसी है काशी की देव दीपावली। कार्तिक पूर्णिमा को काशी में अर्धचंद्राकार घाटों पर दीपों का अद्भुत जगमग प्रकाश 'देवलोक' जैसे वातावरण की ही सृष्टि करता है। इस अलौकिक और दिव्य दृश्य को देखने को सात समुंदर पार से सैलानी बनारस आते हैं। देश के विभिन्न कोने से पर्यटकों को भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है।कोरोना के केसों में कमी आने के बाद होटल उद्योग में तेजी आई है। एक माह पहले ही होटल बुक हो गए हैं। बड़ी संख्या में देशभर से पर्यटक धार्मिक स्थलों को देखने आ रहे हैं।करीब एक माह पहले ही होटलों में बुकिंग फुल हो चुकी है और नावों की बुकिंग भी तेज हो गई है। नाविक वीरेंद्र निषाद के मुताबिक, ढाई लाख से तीन लाख में बजड़े बुक किए जा रहे हैं।
प्रदीप साहनी ने बताया कि छोटी नाव 20 से 25 हजार रुपये में बुक हो रही है। बताया कि देव दीपावली पर काशी में गंगा घाटों की खूबसूरती का गवाह बनने के लिए पर्यटकों के ललक का ही नतीजा है कि वे कोई भी कीमत देने को तैयार हैं। इसके बावजूद होटलों में कमरे उपलब्ध नहीं हैं।
प्रदीप साहनी ने बताया कि छोटी नाव 20 से 25 हजार रुपये में बुक हो रही है। बताया कि देव दीपावली पर काशी में गंगा घाटों की खूबसूरती का गवाह बनने के लिए पर्यटकों के ललक का ही नतीजा है कि वे कोई भी कीमत देने को तैयार हैं। इसके बावजूद होटलों में कमरे उपलब्ध नहीं हैं।
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