मुख्यमंत्री ने स्ट्रेंथनिंग द स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक
एडमिनिस्टेªशन की क्षेत्रीय कार्यशाला को सम्बोधित किया

उ0प्र0 आज देश के अग्रणी राज्यों में से एक,
देश के विकास में अपना पूर्ण योगदान कर रहा: मुख्यमंत्री

उ0प्र0 की प्रगति और समृद्धि जनसहभागिता
एवं अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से सम्भव हुई

राज्य सरकार ने लोक सेवकों के चयन में ईमानदार एवं
पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाया, जिससे योग्यता को उचित स्थान मिला

प्रदेश सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में साढ़े
चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियोजित किया गया

प्रदेश में लोक सेवकों के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों को
विकसित किया जा रहा है, कार्यरत प्रशिक्षण संस्थानों को सुदृढ़ किया जा रहा है
 
अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली
 
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा त्वरित निर्णय लिए जाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री को ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद तथा आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा प्रदेश के सफल
कोरोना प्रबन्धन पर किए गए अध्ययन की एक प्रति भेंट की

उ0प्र0 लोक प्रशासन के श्रेष्ठ मॉडल के रूप में
उभरा: केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री
 
शीघ्र ही जनपदों का गुड गवर्नेन्स इण्डेक्स तैयार किया जाएगा,
उ0प्र0, केन्द्र के साथ अपने ग्रीवान्स सिस्टम को साझा करने वाला पहला राज्य होगा
 
उ0प्र0 का संदेश पूरे देश में जाता, साक्षात्कार व्यवस्था
को समाप्त करने के संदर्भ में उ0प्र0 सरकार की अग्रणी भूमिका रही
 
लखनऊ: 11 नवम्बर, 2021

     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश के अग्रणी राज्यों में से एक है और देश के विकास में अपना पूर्ण योगदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश की प्रगति और समृद्धि जनसहभागिता एवं अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से सम्भव हुई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक लोक सेवक को अपने कार्यों से जनसहभागिता को निरन्तर बढ़ाना होगा। विकास की नीतियों के निर्माण व उनके क्रियान्वयन में जनभागीदारी होने से लोगों में प्रशासनिक व्यवस्था के प्रति विश्वास में वृद्धि होती है।
     मुख्यमंत्री जी आज यहां बैंकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेण्ट में आयोजित स्ट्रेंथनिंग द स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्टेªशन की क्षेत्रीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज नये विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग व केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यशाला में उन्होंने प्रशासनिक कार्य क्षमता के उन्नयन एवं लोक सेवा की पारदर्शी, जवाबदेह एवं उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवस्था में तकनीक के उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किए।
     मुख्यमंत्री जी ने प्रशासनिक कार्य कौशल के संदर्भ में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने लोक सेवकों के चयन में ईमानदार एवं पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाया, जिससे योग्यता को उचित स्थान मिला है। प्रदेश सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियोजित किया गया। प्रदेश में लोक सेवकों के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों को विकसित किया जा रहा है तथा कार्यरत प्रशिक्षण संस्थानों को सुदृढ़ किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान लोक सेवक को उसके उत्तरदायित्वों एवं कार्यों की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही उसके क्षमता निर्माण में वृद्धि भी होती है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से अधीनस्थ अधिकारियों के सीखने में मदद करने की बात कही।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद सभी विभागों में पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था की गयी है। विभिन्न भर्ती बोर्डों की पृथक-पृथक कार्य प्रक्रिया को समायोजित किया गया है, जिससे कम समय में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो रही हैं। न्यायालय में लम्बित भर्ती प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय समय में पर्याप्त संख्या में पुलिस भर्तियां की हैं। यह पुलिस बल प्रदेश की कानून व्यवस्था को निरन्तर सुदृढ़ कर रहा है। आज प्रदेश में कानून का राज है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी को अपने कार्यक्षेत्र की भौतिक एवं व्यावहारिक जानकारी होनी चाहिए। कार्य एवं कार्य की प्रकृति की व्यवस्थित जानकारी हमारे कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि करती है। उन्होंने प्रयागराज कुम्भ-2019 का उल्लेख करते हुए कहा कि समयबद्ध तैयारी, समन्वय तथा तकनीक के भरपूर उपयोग से दिव्य एवं भव्य कुम्भ सफलतापूर्वक आयोजित हो सका। प्रयागराज कुम्भ ने स्वच्छता, सुरक्षा एवं सुव्यवस्था के नये मानक गढ़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस ने 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के साथ मित्रवत एवं अपने परिवार के सदस्य की भांति व्यवहार किया, जिससे पुलिस कर्मियों के प्रति लोगों के मन में सम्मान का भाव पैदा हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित राज्य के 38 जनपदों में इंसेफलाइटिस के प्रभावी नियंत्रण पर सफलता प्राप्त हुई है। इंसेफलाइटिस से हुई मृत्यु के मामलों में 98 प्रतिशत की कमी आयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से ही कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।    
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा त्वरित निर्णय लिए जाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। प्रदेश सरकार राज्य में ई-ऑफिस व्यवस्था को लागू करा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने भ्रष्टाचार निवारक उपायों व प्रक्रियाओं को निरन्तर गतिशील रखने पर बल दिया।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ0 जितेन्द्र सिंह को ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद तथा आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा प्रदेश के सफल कोरोना प्रबन्धन पर किए गए अध्ययन की एक प्रति भेंट की।
इस अवसर पर केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ0 जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश की ओर अग्रसर है तथा लोक प्रशासन के श्रेष्ठ मॉडल के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जनपदों का गुड गवर्नेन्स इण्डेक्स तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश, केन्द्र के साथ अपने ग्रीवान्स सिस्टम को साझा करने वाला पहला राज्य होगा। सामूहिक प्रयासों से ही हम अपने परिणामों को प्राप्त कर सकते हैं। प्रशासनिक सेवा का परिदृश्य तीव्र गति से बदल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और हम उन पर भरोसा करते हैं। शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को राजपत्रित अधिकारी से सत्यापित कराने की प्रक्रिया को समाप्त किया जा चुका है। भाई-भतीजावाद एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न पदों से साक्षात्कार की व्यवस्था को भी समाप्त किया जा चुका है। साक्षात्कार व्यवस्था को समाप्त करने के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार की अग्रणी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का संदेश पूरे देश में जाता है। केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रियाओं के परिदृश्य को बदला है। कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट हेतु नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन किया गया है। तकनीक के समावेश व सकारात्मक माहौल के कारण भर्ती प्रक्रियाओं की समयावधि घटी है तथा प्रशासनिक कार्यों की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।
क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई ने कहा कि प्रशिक्षण संस्थान नौकरशाहों के क्षमता निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। जनोन्मुखी एवं उपभोक्ता केन्द्रित लोक सेवा ही लोक सेवक का धर्म है।
केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री संजय सिंह ने कहा कि ‘मिशन कर्मयोगी’ से लोक सेवकों के क्षमता निर्माण में वृद्धि होगी।
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं पेंशन श्री देवेश चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत के विशेष सचिव श्री वी0 श्रीनिवास, बैंकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेण्ट के निदेशक श्री शंकर पाण्डेय सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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