जिला पर्यावरण समिति में नवनियुक्त जे0आर0एफ0 के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
लखनऊः 17 नवम्बर, 2021
पर्यावरण निदेशालय, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एन0जी0टी0) के निर्देश पर पर्यावरणीय विषयों एवं प्रदूषण से संबंधित बिन्दुओं पर समग्र रूप से अनुश्रवण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ”जिला पर्यावरण समिति“ का गठन किया गया है। समिति के कार्यो के सुचारू संचालन हेतु 75 जूनियर रिसर्च फेलोस् (जे0आर0एफ0) आबद्ध किये गये हैं, जिनके प्रशिक्षण के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ‘‘स्थानीय निकाय निदेशालय में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज वायु प्रदूषण, खनन व अपशिष्ट प्रबन्धन पर सत्र आयोजित किये गये।
यह जानकारी विशेष सचिव, पर्यावरण श्री आशीष तिवारी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि कल 16 नवम्बर को प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, अपर मुख्य सचिव, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह द्वारा किया गया था। उन्होंने अपने वक्तव्य में पर्यावरण संरक्षण एवं अनुसंधान में जे0आर0एफ0 की भूमिका को रेखांकित करते हुए अनुसंधान पर विशेष बल दिया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष श्री सुनील पाण्डेय ने जे0आर0एफ0 को प्रदूषण मॉडलिंग तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मुकेश कुमार ने जे0आर0एफ0 को पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अपने अध्ययन एवं डाटा संकलन में अधिकाधिक सम्मिलित करने का सुझाव दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री आशीष तिवारी ने सभी सम्मानित अतिथियों, जे0आर0एफ0 तथा उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में पर्यावरणीय समस्याओं का अलग-अलग प्रकार से प्रबंधन किया जाना आवश्यक है, जिसके लिए प्रत्येक जनपद में एक जे0आर0एफ0 को नियुक्त किया गया है, जिसका कार्य पर्यावरण एवं प्रदूषण की स्थानीय समस्याओं को इंगित करना तथा उनके निवारण के लिए उपलब्ध संसाधनों व विभागांे के बीच समन्वय स्थापित करना होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्य सत्रों में विभिन्न विभागों के विषय विशेषज्ञों द्वारा पर्यावरण एवं प्रदूषण के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 75 जनपदों के लिए चयनित किए गए जे0आर0एफ0 के अतिरिक्त उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ में कार्यरत् जे0आर0एफ0, मुख्य पर्यावरण अधिकारी एवं पर्यावरण निदेशालय के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
लखनऊः 17 नवम्बर, 2021
पर्यावरण निदेशालय, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एन0जी0टी0) के निर्देश पर पर्यावरणीय विषयों एवं प्रदूषण से संबंधित बिन्दुओं पर समग्र रूप से अनुश्रवण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ”जिला पर्यावरण समिति“ का गठन किया गया है। समिति के कार्यो के सुचारू संचालन हेतु 75 जूनियर रिसर्च फेलोस् (जे0आर0एफ0) आबद्ध किये गये हैं, जिनके प्रशिक्षण के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ‘‘स्थानीय निकाय निदेशालय में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज वायु प्रदूषण, खनन व अपशिष्ट प्रबन्धन पर सत्र आयोजित किये गये।
यह जानकारी विशेष सचिव, पर्यावरण श्री आशीष तिवारी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि कल 16 नवम्बर को प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, अपर मुख्य सचिव, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह द्वारा किया गया था। उन्होंने अपने वक्तव्य में पर्यावरण संरक्षण एवं अनुसंधान में जे0आर0एफ0 की भूमिका को रेखांकित करते हुए अनुसंधान पर विशेष बल दिया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष श्री सुनील पाण्डेय ने जे0आर0एफ0 को प्रदूषण मॉडलिंग तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मुकेश कुमार ने जे0आर0एफ0 को पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अपने अध्ययन एवं डाटा संकलन में अधिकाधिक सम्मिलित करने का सुझाव दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री आशीष तिवारी ने सभी सम्मानित अतिथियों, जे0आर0एफ0 तथा उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में पर्यावरणीय समस्याओं का अलग-अलग प्रकार से प्रबंधन किया जाना आवश्यक है, जिसके लिए प्रत्येक जनपद में एक जे0आर0एफ0 को नियुक्त किया गया है, जिसका कार्य पर्यावरण एवं प्रदूषण की स्थानीय समस्याओं को इंगित करना तथा उनके निवारण के लिए उपलब्ध संसाधनों व विभागांे के बीच समन्वय स्थापित करना होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्य सत्रों में विभिन्न विभागों के विषय विशेषज्ञों द्वारा पर्यावरण एवं प्रदूषण के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 75 जनपदों के लिए चयनित किए गए जे0आर0एफ0 के अतिरिक्त उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ में कार्यरत् जे0आर0एफ0, मुख्य पर्यावरण अधिकारी एवं पर्यावरण निदेशालय के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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