*शिव विवाह का प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु*


तेजवापुर (बहराइच)। विकास खंड तेजवापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कटहा के मजरा कारीपुरवा स्थित कांटा वाले बाग में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा में अयोध्या से आए कथा वाचक पवन कुमार कुमार दास शास्त्री जी महाराज ने शिव विवाह का मनमोहक प्रसंग सुनाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब दक्ष प्रजापति द्वारा आयोजित यज्ञ में सती जल गयी तो भगवान शिव ने उन्हें अपने कंधे पर लेकर विश्व में घूमने लगे। जिस पर भगवान विष्णु ने अपने चक्र द्वारा उनके शरीर को अलग अलग टुकड़ों में विभक्त कर दिया तथा पृथ्वी के जिस स्थान पर शरीर का टुकड़ा गिरा वह एक देवी स्थल के रूप में परिवर्तित हो गया। इसके बाद पहाड़ों के राजा हिमांचल के यहां सती दूसरा जन्म लेकर माता पार्वती के रूप में जन्मी तो महर्षि नारद ने उनके घर पहुंच कर उनका नामकरण किया। पार्वती की माता द्वारा उनके भविष्य के बारे में पूछे जाने पर महर्षि ने कहा कि इस कन्या का भाग्य बड़ा ही उज्जवल है लेकिन इसका विवाह उस पुरुष से होगा जिसके शरीर में आठ अवगुण विद्यमान होंगे। जिस पर पार्वती के मां भयभीत हुई और इसका निवारण पूछा तो नारद ने पार्वती को तप करने की सलाह दी। जिस पर तीन समुद्रों के घिरे हुए स्थल पर पहुंची पार्वती ने कठोर तप किया और भगवान शिव प्रसन्न हुए। जिसके बाद भगवान शिव व पार्वती का धूमधाम से विवाह संपन्न हुआ। शिव विवाह की कथा का प्रसंग आते ही स्थानीय बच्चों की ओर से भगवान शिव व माता पार्वती की भव्य झांकी दिखाई गयी।शिवानी तिवारी व प्रीति यादव द्वारा शिव पार्वती की मनमोहक झांकी देखकर सभी दर्शकों का मन प्रफुल्लित हो गया। इस दौरान कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों ने फूलों की वर्षा कर मनमोहक झांकी का दर्शन किया तथा माताओं ने मंगल गीत गाकर बधाई दी।
इस अवसर पर हरिकेश सिंह, अतुल द्विवेदी,सुन्दर शरण द्विवेदी, रविन्द्र कुमार,सरोज तिवारी, जगदीश जायसवाल, सुरेन्द्र कुमार शुक्ला सहित तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे।



हिंदी संवाद न्यूज बहराइच।।

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