उतरौला (बलरामपुर)
इस समय रबी की फसलों के बुआई के लिए कृषक तैयारियों में जुटे हैं। खेतों का शोधन व बीज शोधन कर किसान अच्छी फसल पा सकते हैं।
 सरसों, राई, मटर, चना, गेहूं, मसूर व गेहूं के बीजों को बोने से पहले उनका शोधन करने से पौधे रोगमुक्त रहते हैं व पर्याप्त उपज प्राप्त होती है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रेषु गौतम नाम किसानों को शोधन की जानकारी दी है। कहा कि बीज शोधन के लिए ट्राइकोडर्मा पांच ग्राम या कार्बेंडाजिम दो ग्राम अथवा थीरम 75 प्रतिशत वाली ढाई ग्राम प्रति किलोग्राम में मिलाकर बुआई करें। इसके अतिरिक्त टेबूकोनाजोल  ढाई ग्राम को प्रति किलो बीज में मिला कर शोधित किया जा सकता है। भूमि शोधन के लिए प्रति एकड़ में ट्राइकोडर्मा एक किलो व तीस किलो सड़ी गोबर की खाद को मिलाकर एक सप्ताह के लिए छाया में रख दें। बुआई से पहले अंतिम जुताई के समय खेत में मिलाने से खेत की जमीन का शोधन हो जाएगा। जिन खेतों में दीमक लगने की ज्यादा संभावना हो वहां प्रति एकड़ के लिए ढाई लीटर क्लोरो पाइरीफास तीन सौ लीटर पानी में मिलाकर खेत मेंं छिड़काव करें। 
गन्ने की फसल को लाल सड़न रोग से बचाने के लिए पांच प्रतिशत वाले स्यूडोमोनास फ्लोरासेंस की एक किलो की मात्रा का प्रति क्विंटल बीज में मिलाकर शोधन करें। अन्य समस्याओं के निदान के लिए सहकारी बीज गोदामों पर तैनात कृषि विशेषज्ञों की सलाह ले सकते हैं।
असग़र अली
उतरौला

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