आस्था के केंद्र काशी विश्वनाथ धाम से जुड़े ललिता और जलासेन घाट के साथ ही अब मणिकर्णिका घाट की भी सूरत बदलेगी। जलासेन और ललिता घाट पर गंगा व्यू गैलरी और भव्य द्वार का काम शुरू कर दिया गया है। महाश्मशान मणिकर्णिका की छत तक पहुंचने के लिए 100 मीटर के रैंप पर भी सहमति बन गई है।
उधर, काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता को बढ़ाने के लिए शुक्रवार को कंसलटेंट और कार्यदायी संस्था पीएसपी के निदेशकों के साथ मंदिर प्रशासन की अहम बैठक होगी। काशी विश्वनाथ धाम से सटे मणिकर्णिका घाट को संवारने की तैयारी है। बाढ़ के दौरान भी घाट की छत तक पहुंचने के लिए एक 100 मीटर के रैंप के लिए सर्वे शुरू कराया गया है। इसके साथ ही घाट पर शवदाह आदि की व्यवस्था को और दुरुस्त किया जाएगा।जलासेन और ललिता घाट की भव्यता के साथ ही मणिकर्णिका के मूल स्वरुप को संरक्षित करते हुए यहां सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। इससे अलग काशी विश्वनाथ धाम परिसर में नक्काशीदार इमारतों के बीच दमक रहे स्वर्ण शिखर को गंगा घाट से दर्शन के लिए बनने वाली गंगा व्यू गैलरी की साइट पर काम शुरू कर दिया गया है।
उधर, काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता को बढ़ाने के लिए शुक्रवार को कंसलटेंट और कार्यदायी संस्था पीएसपी के निदेशकों के साथ मंदिर प्रशासन की अहम बैठक होगी। काशी विश्वनाथ धाम से सटे मणिकर्णिका घाट को संवारने की तैयारी है। बाढ़ के दौरान भी घाट की छत तक पहुंचने के लिए एक 100 मीटर के रैंप के लिए सर्वे शुरू कराया गया है। इसके साथ ही घाट पर शवदाह आदि की व्यवस्था को और दुरुस्त किया जाएगा।जलासेन और ललिता घाट की भव्यता के साथ ही मणिकर्णिका के मूल स्वरुप को संरक्षित करते हुए यहां सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। इससे अलग काशी विश्वनाथ धाम परिसर में नक्काशीदार इमारतों के बीच दमक रहे स्वर्ण शिखर को गंगा घाट से दर्शन के लिए बनने वाली गंगा व्यू गैलरी की साइट पर काम शुरू कर दिया गया है।
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