विजया दशमी पर काशी में एक तरफ जहां प्रमुख स्थानों पर रावण दहन स्थगित रहा वहीं शहर के कुछ स्थानों पर बहुत ही सीमित स्वरूप में यह आयोजन किया गया। दशहरा के मेला में अत्यधिक भीड़ न जुटे, इसलिए जिला प्रशासन ने इस सख्त निर्देश के साथ रावण दहन की इजाजत दी थी कि आयोजन इसके बारे में किसी भी स्तर पर प्रचार प्रसार नहीं करेंगे। ताकि भीड़ कम से कम हो।सख्त प्रशासनिक निर्देश के बाद भी अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर के निकट दशहरा के मेले में काफी भीड़ जुटी। यही नहीं प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए रावण के पुतले को चीन और कुंभकर्ण के पुतले को पाकिस्तान का नाम देकर फूंका गया। रावण दहन के दौरान समूचा वातावरण भारत माता की जय और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा। वहीं शहर के जवाहर नगर एक्सटेंशन में पीएम के जनसंपर्क कार्यालय के निकट वाले पार्क में कॉलोनी निवासियों ने रावण का मध्यम आकार का पुतला फूंका। खास बात यह है कि रावण के इस पुतले का निर्माण कॉलोनी के ही कुछ लोगों ने मिल कर किया था। दूसरी तरफ रावण दहन के पारंपरिक मेलों के स्थानों रामनगर, बरेका मैदान, मलदहिया चौराहा, लंका दूध सट्टी आदि स्थानों पर आम दिनों जैसा ही नजारा दिखा। वहीं शहर से सटे कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में गांव की रामलीला कमेटियों और स्थानीय धार्मिक संगठनों की ओर से रावण का प्रतीकात्मक पुतला जला कर दशहरा मनाया गया।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने