*तमसा बाढ़ की तबाही का दंश झेल रहे ग्रामीणों को नहीं मिल सकी प्रशासनिक मदद।*
*सैकड़ों एकड़ धान की फसलें जलमग्न होकर हुई बर्बाद।*
*अमानीगंज।*
ब्लाक क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में तमसा नदी के बढ़ते जलस्तर से स्थिति भयावह हो जाने के बाद 1 दर्जन से अधिक परिवार बाढ़ की विभीषिका का दंश झेल रहे हैं।अब बाढ़ पीड़ित परिवार सहित गांव के ग्रामीणों को संक्रामक रोगों के फैलने का डर सता रहा है।हालांकि इन बाढ़ पीड़ितों के प्रति तहसील प्रशासन पूरी तरह से संवेदनहीन बन गया है।जिला एवं तहसील प्रशासन की ओर से बाढ़ के पानी से निजात दिलाए जाने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा सकी है। प्रशासन की उदासीनता से विवश होकर अब ग्रामीणों ने अपने दरवाजों एवं गांव की सड़कों पर भरे बाढ़ के पानी को निकालना शुरू कर दिया है।
ज्ञात हो कि अमानीगंज ब्लाक क्षेत्र के एक दर्जन गांव के किनारे से गुजरने वाली तमसा नदी के किनारे बसे अमावा सूफी गांव मे भीषण बरसात के चलते बाढ़ के हालात हो गए हैं।आवागमन के सभी रास्तों पर भारी जलभराव हो गया है।इसके अलावा ब्लॉक क्षेत्र के ही चंदौरा,रामनगर,टड़वा, चिरकी,पल्लेपार,ओरवा, खडसेपुर,बकौली,मनसा का पुरवा,रामनगर अमावा सूफी, डीली सरैया,कंदई कला गांवों में तमसा नदी के पानी ने भीषण तबाही मचा रखी है।नदी के तटवर्ती गांव में सबसे निचले इलाके में स्थित अमावा सूफी गांव टापू बन कर रह गया है।अमावा सूफी गांव को जोड़ने वाली अमावासूफी सधारपुर मार्ग पर बना पुल आज भी पानी में डूबा हुआ है।पुल के ऊपर से आज भी पानी बह रहा है।जबकि राम नगर चौराहे से अमावा सूफी को जोड़ने वाले मार्ग पर भी पानी भरा हुआ है।दर्जनों की संख्या में घर में पानी घुस गया है।मछुआरों की करतूतों के चलते क्षेत्र के ग्रामीणों का जीवन नरक से भी बदतर हो गया है।बाढ़ के पानी के चलते ग्रामीण बिल्कुल नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों के दर्द अखबारों की सुर्खियों में आने के बावजूद भी तहसील प्रशासन उदासीन बना हुआ है।इन लाचार ग्रामीणों की मदद में कोई भी हाथ नहीं बढ़ा सका है।थक हार कर ग्रामीणों ने अब स्वयं ही शुरू कर लिया और सड़क तथा घरों के इर्द-गिर्द भरे हुए पानी को निकालने के लिए विद्युत चालित मोनोब्लॉक वाटर पंप मोटर लगा लिया है तथा दूषित पानी को बाहर निकाल रहे हैं।
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