श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने आरटीआई में अजीबो-गरीब जवाब दिया है। आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा मांगे जवाब में मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की ओर कहा गया है कि इस प्रश्न का उत्तर गूगल साइट पर उपलब्ध है। वहां से खोज लीजिए। वहीं मंदिर प्रशासन ने आय-व्यय और एक्ट से संबंधित जानकारियों का जवाब देने से इनकार कर दिया।
आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. रविंद्र सहाय कैलाशी ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर खर्च का हिसाब-किताब छिपाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरटीआई के जरिए मंदिर प्रशासन की आय-व्यय और एक्ट से संबधित जानकारियां मांगी थी, जिसका जवाब देने से मंदिर प्रशासन ने इनकार कर दिया है।. सहाय ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में हो रहे खर्चों और कर्ज के बारे में जनता को पता होना चाहिए। यह व्यक्ति का अधिकार है। मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ावे और दान-दक्षिणा से कितने पैसे मिले और इनका किस-किस मद में उपयोग हो रहा है इसे बताए जाने में आखिरकार क्या दिक्कत है। मंदिर प्रशासन को सूचना गुप्त रखने की क्या जरूरत है।डॉ. सहाय के सवाल में शामिल धारा 30 के जवाब में बताया गया कि इस प्रश्न का उत्तर गूगल साइट पर उपलब्ध है। इस धारा में मंदिर के लिए और उसकी ओर से कोई भी उधार बिना राज्य सरकार की सहमति से नहीं लिया-दिया जाएगा।
आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. रविंद्र सहाय कैलाशी ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर खर्च का हिसाब-किताब छिपाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरटीआई के जरिए मंदिर प्रशासन की आय-व्यय और एक्ट से संबधित जानकारियां मांगी थी, जिसका जवाब देने से मंदिर प्रशासन ने इनकार कर दिया है।. सहाय ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में हो रहे खर्चों और कर्ज के बारे में जनता को पता होना चाहिए। यह व्यक्ति का अधिकार है। मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ावे और दान-दक्षिणा से कितने पैसे मिले और इनका किस-किस मद में उपयोग हो रहा है इसे बताए जाने में आखिरकार क्या दिक्कत है। मंदिर प्रशासन को सूचना गुप्त रखने की क्या जरूरत है।डॉ. सहाय के सवाल में शामिल धारा 30 के जवाब में बताया गया कि इस प्रश्न का उत्तर गूगल साइट पर उपलब्ध है। इस धारा में मंदिर के लिए और उसकी ओर से कोई भी उधार बिना राज्य सरकार की सहमति से नहीं लिया-दिया जाएगा।
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