मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के चांदपुर में एक निजी अस्पताल प्रबंधन ने बिल का बकाया रुपया न दे पाने पर मृत युवती का शव नौ घंटे तक रोक लिया। शव से हल्की दुर्गंध आने पर रुपया लेकर ही शव परिजनों को सौंपा गया। इससे पूर्व नाराज मृतक के परिजनों ने हंगामा किया व 112 नम्बर पर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हॉस्पिटल प्रबन्धन से परिजनों को शव दिलवाया।
शिवपुर के ग्राम पिसौरी निवासी मुन्ना राजभर की 19 वर्षीया पुत्री झुम्मन राजभर की तबीयत खराब होने पर 27 सितंबर को चांदपुर स्थित निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि शनिवार-रविवार की देर रात दो बजे झुम्मन की मौत हो गई और हॉस्पिटल प्रबन्धन ने बकाये रुपये का लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया। परिजनों ने बताया कि पहले से ही 80 हजार रुपए दे चुके थे। बाद में अस्पताल से 40 हजार का बिल पकड़ा दिया गया। इसको लेकर परिजन काफी नाराज थे। रुपया न दे पाने पर हॉस्पिटल प्रबंधन ने मृतका का शव देने से इनकार किया। जिस पर परिजनों ने पुलिस को सूचना देते हुए हंगामा शुरू कर दिया और हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। मृत युवती की रिश्तेदार निशा देवी का आरोप था कि शनिवार की शाम से डॉक्टरों ने दवा देना बंद कर दिया था, जिसके चलते झुम्मन की मौत हो गयी। कुछ देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सुलह करवा कर परिजनों की सुपुर्दगी में मृत झुम्मन का शव दिला दिया। परिजन सुबह लगभग नौ बजे वापस चले गए।
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