22 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के मामले की विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए नीरज गौतम की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। अदालत ने मुख्तार अंसारी पर धारा 419 (किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से मोबाइल का सिम लेना ) व 420 धोखाधड़ी के तहत आरोप तए किए। वहीं, किसी और धारा में आरोप नहीं माने। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी। इसके लिए तत्कालीन एसओ/वादी शिवशंकर शुक्ला को गवाही के लिए समन भेजे जाएंगे। वहीं, मुख्तार अंसारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के दौरान बांदा पुलिस प्रशासन पर जान का खतरा व तलाशी के नाम पर अपमानित करने का आरोप लगाया है और सुरक्षा की गुहार लगाई है।

शुक्रवार को अभियोजन की ओर से एडीजीसी शशि शर्मा व मुख्तार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. रवि अरोरा ने आरोप तय करने को लेकर बहस की। करीब एक घंटे तक बहस चली। अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधायक मुख्तार अंसारी पर धारा 419 व 420 के तहत आरोप तय किए। वहीं धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) व धारा 109 (अपराध के लिए उकसाने) का आरोप नहीं माना। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 12 अक्तूबर नियत की है। वहीं मामले में गवाही की प्रक्रिया अब शुरू होगी। एडीजीसी शशि शर्मा ने बताया कि मामले में 10 गवाह हैं और तत्कालीन एसओ/वादी शिवशंकर शुक्ला व तत्कालीन उपनिरीक्षक रूपेंद्र गौड़ को गवाही के लिए समन भेज जाएंगे। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी भेजे जाएंगे। 

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