प्रभु श्री राम के जन्म पर आकाश से हुई पुष्प वर्षा
गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अंबेडकर नगर। प्रभु श्रीराम के कृतित्व-व्यक्तित्व को समेटने वाली रामलीला का मंचन चल रहा है। आपसी सौहार्द का प्रतीक विगत 31 वर्षों से पाहितीपुर बाजार में अनवरत चल रही रामलीला के मंचन में श्री रामलीला समिति में द्वारा प्रभु श्रीराम के प्राकट्य की लीला हुई। प्रभु श्री राम के जन्म उत्सव पर नगर में बधाइयां बजी और लंकापति रावण के पराक्रम की प्रस्तुति हुई। रावण के अत्याचार से धर्मावलंबी परेशान हो गए, उनके उद्धार के लिए प्रभु श्रीराम जन्म लेते हैं। प्रभु के जन्म पर मंच पर पुष्पवर्षा करके श्रीराम का जयकारा लगा। श्रीराम द्वारा अहिल्या उद्धार तक की लीला हुई।
विश्वामित्र मिलन व फुलवारी की लीला में विश्वामित्र मिलन व फुलवारी की लीला हुई। पंडित कामता प्रसाद त्रिपाठी कमल के निर्देशन में राजा दशरथ के दरबार में ऋषि विश्वामित्र का आगमन होता है। वे राक्षसों के आतंक के बारे में बताकर दशरथ से यज्ञ की रक्षा के लिए श्रीराम और लक्ष्मण को मांगते हैं। मार्ग में श्रीराम ताड़का राक्षसी का वध करते हैं। इसके बाद जनकपुरी से सीता स्वयंवर का निमंत्रण आता है। वहां विश्वामित्र के साथ राम व लक्ष्मण जाते हैं। मीडिया प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि कल धनुष यज्ञ से श्रीराम जानकी के जयमाल तक की लीला होगी। आरती में कमेटी के अध्यक्ष डब्लू पांडेय वह चंद्रभान मिश्रा प्रबंधक संतोष पांडेय आदि पदाधिकारी गण उपस्थित रहे रामलीला मंचन देखने के लिए काफी देर तक लोग जमे रहे।
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