उतरौला (बलरामपुर) उतरौला नगर क्षेत्र में रामलीला महोत्सव लगभग सैकड़ों साल पुराना है इस धार्मिक समारोह की कहानी भी अध्दभुत है यहां के राजा को इसका श्रेय जाता है। उन्हीं की दी हुई जमीन एवं बाजार के आय पर लोगों की आस्था का केंद्र रामलीला महोत्सव आज तक चल रहा है।
बताया जाता है कि वर्षोंं पहले उतरौला के राजा नेवाज खां ने उतरौला का मशहूर धार्मिक स्थल दुखहरण नाथ मंदिर व पोखरे का निर्माण कराया था। और रामलीला महोत्सव के लिए रामलीला मैदान भी दान स्वरुप भेंट किया था। उतरौला नगर में रामलीला महोत्सव वर्षों पूर्व महन्त जयकरन गिरि के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ था जिसकी परंपरा आज तक चली आ रही है। महन्त जय करन गिरि के वंशज महंत पुरूषोत्तम गिरि बताते हैं कि रावण दहन के लिए 65फिट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया जाता है। हालांकि अब दुर्गा पूजा के आयोजन से रामलीला महोत्सव पर काफी असर पड़ा है
पहले रामलीला बड़ी धूमधाम से मनाया जाता था इस मौके पर लगातार दस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था जिसमें दूर दराज के लोग आकर रात्रि भर रामलीला मंचन का आनंद लेते थे।
असग़र अली
उतरौला
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