डेंगू के मरीजों का बेहतर इलाज हो सके, इसके लिए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में 30 बेड का अलग वार्ड बनाया गया है, इसके बावजूद इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर ही डेंगू के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। रविवार को दोपहर में इमरजेंसी वार्ड के बाहर एक युवती को स्ट्रेचर पर ही प्लेटलेट्स चढ़ा दी गई।
जबकि सुपर स्पेशियलिटी के तीसरी मंजिल पर बने डेंगू वार्ड में सभी बेड खाली रहे। डेंगू और वायरल फीवर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही बीएचयू अस्पताल प्रशासन ने ब्लॉक में पीडियाट्रिक के साथ-साथ ही जनरल मेडिसिन के 30-30 बेड का अलग वार्ड बनाया है।डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही इलाज संबंधी सभी व्यवस्थाएं भी हैं, लेकिन रविवार में दोपहर में डेंगू से पीड़ित आजमगढ़ निवासी एक महिला पहुंची तो उसे इमरजेंसी वार्ड के गेट पर स्ट्रेचर पर भर्ती कर यहीं पर चिकित्सकों ने प्लेटलेट्स चढ़ाया। इसे एक नहीं बल्कि तीन से चार यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाया गया। परिजनों के मुताबिक इमरजेंसी वार्ड में बेड न होने का हवाला देते हुए डॉक्टरों ने स्ट्रेचर पर ही प्लेटलेटस चढ़ाया।
जबकि सुपर स्पेशियलिटी के तीसरी मंजिल पर बने डेंगू वार्ड में सभी बेड खाली रहे। डेंगू और वायरल फीवर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही बीएचयू अस्पताल प्रशासन ने ब्लॉक में पीडियाट्रिक के साथ-साथ ही जनरल मेडिसिन के 30-30 बेड का अलग वार्ड बनाया है।डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही इलाज संबंधी सभी व्यवस्थाएं भी हैं, लेकिन रविवार में दोपहर में डेंगू से पीड़ित आजमगढ़ निवासी एक महिला पहुंची तो उसे इमरजेंसी वार्ड के गेट पर स्ट्रेचर पर भर्ती कर यहीं पर चिकित्सकों ने प्लेटलेट्स चढ़ाया। इसे एक नहीं बल्कि तीन से चार यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाया गया। परिजनों के मुताबिक इमरजेंसी वार्ड में बेड न होने का हवाला देते हुए डॉक्टरों ने स्ट्रेचर पर ही प्लेटलेटस चढ़ाया।
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