*प्रेसनोट*

*कोरोना योद्धा डॉक्टर और कर्मचारियों को भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा किया गया सम्मानित*


*अयोध्या*-कोरोना काल शायद ही कोई भूल पाए। ऐसा समय, जब संकट में जान फंसने पर अपनों ने भी दूरी बना ली। तब मदद के लिए कोरोना योद्धा ही पास नजर आए। खुद की चिंता किए बिना संक्रमित मरीजों का जीवन बचाने व जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के लिए दिन-रात जुटे रहे कोरोना योद्धाओं के हौसले और जज्बे को भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकापुर में आयोजित सम्मान समारोह में सलाम किया तो उनका चेहरा नई ऊर्जा से खिल गया। मानवीय मूल्यों के ये मोती जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के हाथों सम्मानित होने पर चमक उठे। ऐसे अभूतपूर्व सम्मान की किसी को उम्मीद नहीं थी। संकल्प लिया कि भविष्य में यदि ऐसी कोई चुनौती फिर आई तो पूरी शिद्दत से मानवता की सेवा करेंगे। समारोह के दौरान निस्वार्थ मदद करने वाले लोगों का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया। संजीव सिंह ने कहा, महामारी के उस दौर को याद करके दिल दहल जाता है। हर व्यक्ति भयभीत था,  मैं स्वयं संक्रमण का शिकार हुआ था,क्योंकि शत्रु अदृश्य था। ऐसे मुश्किल व चुनौती भरे वक्त में डाक्टर के साथ तमाम लोग आगे आए और समाज को संबल प्रदान किया। हमें उस समय हर व्यक्ति की अहमियत का पता चला ,देश में मदद करने व कंधे से कंधा मिलाकर चलने का जज्बा कभी खत्म नहीं होगा। कोरोना काल में सब हारे, लेकिन हिम्मत और दृढ़ संकल्प से हिंदुस्तान जीत गया। जो जहा पर जिस स्थिति में था, मानवता की भरपूर मदद की। डाक्टर को भगवान का स्वरूप कहा जाता है, लेकिन दिल से संपन्न व्यक्ति ही किसी की मदद कर सकता है। माननीय प्रधानमंत्री की प्रेरणा और आप सबकी अथक मेहनत की वजहों से ही भारत ने 100 करोड़  टीकाकरण कर दुनिया को दृढ़ इच्छाशक्ति का नायाब उदाहरण प्रस्तुत किया है आप सब इसके लिए बधाई के पात्र हैं ।जिलामीडिया प्रभारी डॉ रजनीश सिंह ने कहा कि इतना बुरा दौर पहले कभी नहीं देखा। तमाम डाक्टर व स्टाफ हौसले के साथ मरीजों की जिंदगी बचाने में जुटे थे। पुलिस और प्रशासन ने मानवता को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी  जी की प्रेरणा से कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के फ़ैसले  से कोरोना योद्धाओं के मनोबल में कई गुना बढ़ाने का काम करेगा, दूसरों की मदद वहीं कर पाते हैं, जिनका दिल बडा और कुछ करने की चाहत और आदत होती है। जब तक लोगों के दिल में दूसरों के लिए सहृद भावना होगी, मानवता और इंसानियत जिंदा रहेगी तभी तक संभव है ।सम्मानित होने वाले में चिकित्सक, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, चालक, सफाईकर्मी, समाजसेवी व अन्य लोग शामिल रहे।

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