उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 में हुए संशोधन
उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 के अनुश्रवण हेतु मण्डल स्तरीय अनुश्रवण समिति में 09 सदस्यों को व्यापक एवं गुणवत्तापरक अनुश्रवण हेतु शामिल किया जायेगा

मूल्यांकन एवं परीक्षण समिति द्वारा संस्तुत आवेदन/परियोजना प्रस्तावों पर स्वीकृति तथा धनावंटन राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति द्वारा की जायेगी


 लखनऊः दिनांक: 29 अक्टूबर, 2021

उत्तर प्रदेश सरकार ने ’’उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018’’ के प्राविधानों में कतिपय संशोधन करते हुए नये प्राविधानों को शामिल किया गया है। दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुधीर गर्ग द्वारा इस संबंध में आवश्यक आदेश कर दिया गया है।
राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति के वर्तमान विद्यमान प्राविधान में संशोधन करते हुए व्यवस्था की गई है कि ’’उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 के अन्तर्गत प्राविधानों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति गठित की जायेगी।’’ मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की महत्वपूर्ण शासकीय कार्यों में व्यस्तता होने या उपलब्ध न होने की दशा में मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन द्वारा प्रतिनिधायित अधिकारी के रूप में नामित कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 शासन द्वारा राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति की अध्यक्षता की जायेगी। विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव इसके सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव, सचिव दुग्ध विकास विभाग, उ0प्र0 शासन इसके संयोजक सचिव होंगे। उद्योग संघों के प्रतिनिधि इसके आमंत्रित सदस्य होंगे।
मण्डल स्तरीय अनुश्रवण समिति के संबंध में व्यवस्था की गई है कि मण्डल स्तर पर नीति के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की जायेगी, जिसमें मण्डल के सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के साथ-साथ मण्डल के सम्बन्धित विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे। मण्डलीय दुग्धशाला विकास अधिकारी इस कमेटी के सदस्य-सचिव होगें। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 की भांति उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 के अनुश्रवण हेतु मण्डल स्तरीय अनुश्रवण समिति में 09 सदस्यों को व्यापक गुणवत्तापरक अनुश्रवण हेतु शामिल किया जायेगा।
इस नीति के अंतर्गत पूॅजी निवेश के प्रस्तावों का कार्यान्वयन उप दुग्धशाला विकास अधिकारी के माध्यम से किया जायेगा। नीति के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय क्रियान्वयन अनुश्रवण समिति गठित की जायेगी, जिसमें जनपद के संबंधित विभागों के अधिकारीगण सदस्य होंगें। जनपदीय उद्यान तथा खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी इसमें पदेन सदस्य होंगे। उप दुग्धशाला विकास अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव होेंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 की भांति उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 के क्रियान्वयन/अनुश्रवण हेतु जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति में 09 सदस्यों को व्यापक एवं गुणवत्तापरक अनुश्रवण हेतु शामिल किया जायेगा।
आवेदन/परियोजना प्रस्तावों का परीक्षण, मूल्यांकन स्वीकृति तथा धनावंटन के संबंध में व्यवस्था की गई है कि जनपद स्तर पर प्राप्त आवेदनों परियोजना प्रस्तावों को संकलन कर आवेदन परियोजना प्रस्तावों को उप दुग्धशाला विकास अधिकारी द्वारा मण्डलीय दुग्धशाला विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यालय स्तर पर प्रेषित किया जायेगा। इन आवेदन/परियोजना प्रस्तावों के मुख्यालय स्तर पर परीक्षण एवं मूल्यांकन हेतु दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उ0प्र0 द्वारा अपनी अध्यक्षता में प्री-अप्रेजल समिति गठित की जायेगी। प्री-अप्रेजल के पश्चात परियोजना प्रस्तावों के सम्यक मूल्यांकन/परीक्षण हेतु प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास विभाग, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में मूल्यांकन एवं परीक्षण समिति गठित की जायेगी। मूल्यांकन एवं परीक्षण समिति द्वारा संस्तुत आवेदन/परियोजना प्रस्तावों पर स्वीकृति तथा धनावंटन राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति द्वारा की जायेगी। स्वीकृत परियोजनाओं का क्रियान्वयन जनपद स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन समिति एवं मण्डल स्तर पर मण्डल स्तरीय अनुश्रवण समिति तथा राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति द्वारा किया जायेगा। उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 के शेष प्राविधान एवं शर्तें यथावत रहेगी।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने