मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण
रोजगार गारण्टी सम्मेलन को सम्बोधित किया

मुख्यमंत्री ने मनरेगा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की

ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय बढ़ाकर 10,000 रु0, तकनीकी सहायकों का मानदेय बढ़ाकर 15,656 रु0, कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय बढ़ाकर 15,156 रु0,
अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों का मानदेय बढ़ाकर 34,140 रु0, लेखा
सहायकों का मानदेय बढ़ाकर 15,156 रु0, ऑपरेशन सहायकों
का मानदेय बढ़ाकर 18,320 रु0 करने का निर्णय

हेल्पलाइन एक्जीक्यूटिव्स का मानदेय बढ़ाकर 18,320 रु0, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का मानदेय बढ़ाकर 9,000 रु0, ब्लॉक सोशल ऑडिट को-ऑर्डिनेटर्स का मानदेय बढ़ाकर 14,100 रु0 तथा डिस्ट्रिक्ट सोशल ऑडिट को-ऑर्डिनेटर्स का मानदेय
बढ़ाकर 19,900 रु0 किए जाने का निर्णय लिया गया

मनरेगा कर्मियों के जॉब चार्ट में ग्राम्य विकास
विभाग के कतिपय अन्य कार्यों को जोड़ा जाएगा

ग्राम रोजगार सेवक की सेवा समाप्ति के पूर्व उपायुक्त, मनरेगा की सहमति आवश्यक

मनरेगा कर्मियों के लिए एच0आर0 पॉलिसी लायी जायेगी, जिसमें वर्ष में 24 दिन के आकस्मिक अवकाश एवं वर्ष में 12 दिन के चिकित्सा अवकाश की व्यवस्था

महिला मनरेगा संविदा कर्मियों को 180 दिन का
मातृत्व अवकाश दिए जाने की व्यवस्था लागू की गयी

राज्य के पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास विभाग द्वारा कोरोना कालखण्ड
में ऐसे अनेक कदम उठाए गए, जो देश व दुनिया के लिए मिसाल बने: मुख्यमंत्री

कोरोना काल में प्रदेश में वापस आने वाले कामगारों एवं
श्रमिकों को मनरेगा में समायोजित करते हुए रोजगार उपलब्ध कराया गया

ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से 52 लाख
महिलाओं को आर्थिक स्वावलम्बन से जोड़ा गया

58 हजार ग्राम पंचायतों में बैंकिंग कॉरेस्पॉण्डेंट सखी की व्यवस्था लागू कर ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सेवा सुलभ कराने के साथ ही, महिला सशक्तीकरण की
प्रदेश सरकार की मंशा को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया गया

ग्रामीण स्तर पर ग्राम सचिवालय बनाकर समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति
को शासन की योजनाओं से लाभान्वित कराने की सराहनीय पहल की गयी

मनरेगा कर्मियों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से ग्रामीण
विकास को नयी ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करने में योगदान किया

मनरेगा के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 12,622 करोड़ रु0 व्यय कर, 01 करोड़ 16 लाख मजदूरों को रोजगार देकर 39.46 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए, मनरेगा के तहत एक वर्ष में मानव दिवस सृजन में प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर

वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 39.46 करोड़ मानव दिवस सृजित किए
गए, जो कि योजना के प्रारम्भ होने से लेकर अब तक की सर्वाधिक संख्या

मनरेगा के तहत पिछले 4 वर्षांे में कुल 303 लाख श्रमिकों को रोजगार
उपलब्ध कराया गया, वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक 116.57 लाख श्रमिकों को रोजगार

26 जून, 2020 को एक दिन में 62.25 लाख श्रमिकों को रोजगार
दिया गया, जो इतिहास में एक दिन में नियोजित श्रमिकों की सर्वाधिक संख्या

वर्ष 2020-21 में 7,79,709 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार
उपलब्ध करा दिया गया है, जो योजना के आरम्भ से अब तक सर्वाधिक

मनरेगा के तहत विगत 04 वर्षाें में कुल 5,03,619
व्यक्तिगत लाभार्थीपरक परिसम्पत्तियों का सृजन किया गया

मनरेगा के माध्यम से वर्ष 2020-21 में 8.80 करोड़, वर्ष 2021-22 में 10.56
करोड़ पौधों का रोपण किया गया, वर्ष 2022-23 में 12.32
करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा

मनरेगा के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2018-19 में 06, वित्तीय वर्ष 2019-20
में 19 तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25 विलुप्तप्राय नदियों का पुनरुद्धार

मुख्यमंत्री ने मनरेगा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया

मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़
रहा, ग्राम्य विकास परिवार राज्य की समृद्धि एवं खुशहाली में
सहयोग के लिए निरन्तर तत्पर: ग्राम्य विकास मंत्री

लखनऊ: 04 अक्टूबर, 2021

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य के पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास विभाग द्वारा कोरोना कालखण्ड में ऐसे अनेक कदम उठाए गए, जो देश व दुनिया के लिए मिसाल बने हैं। इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों का जीवन एवं जीविका बचाने में काफी सहायता मिली। कोरोना काल में प्रदेश में वापस आने वाले कामगारों एवं श्रमिकों को मनरेगा में समायोजित करते हुए रोजगार उपलब्ध कराया गया। ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से 52 लाख महिलाओं को आर्थिक स्वावलम्बन से जोड़ा गया। 58 हजार ग्राम पंचायतों में बैंकिंग कॉरेस्पॉण्डेंट सखी की व्यवस्था लागू कर ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सेवा सुलभ कराने के साथ ही, महिला सशक्तीकरण की प्रदेश सरकार की मंशा को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया गया। ग्रामीण स्तर पर ग्राम सचिवालय बनाकर समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति को शासन की योजनाओं से लाभान्वित कराने की सराहनीय पहल की गयी है।
   मुख्यमंत्री जी आज यहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व, उन्होंने मनरेगा योजना पर केन्द्रित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा कर्मियों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से ग्रामीण विकास को नयी ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने मनरेगा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा करते हुए कहा कि इसी प्रकार कर्मियों द्वारा मेहनत से कार्य करने पर शासन स्वतः लाभान्वित करने पर विचार करता है। मनरेगा कर्मी मन लगाकर कार्य करते रहेंगे तो उनके मानदेय में वृद्धि होती रहेगी।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवकों की संख्या 35,246 है। वर्तमान में इन्हें 6,780 रुपए मानदेय प्राप्त हो रहा है। इसे बढ़ाकर 10,000 रुपए करने का निर्णय लिया गया है। तकनीकी सहायकों की संख्या 4,122 है। वर्तमान में इनका मानदेय 12,656 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 15,656 रुपये किया जा रहा है। 574 कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय 12,656 रुपये से बढ़ाकर 15,156 रुपये, 567 अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों का मानदेय 31,640 रुपये से बढ़ाकर 34,140 रुपये, 441 लेखा सहायकों का मानदेय 12,656 रुपये से बढ़ाकर 15,156 रुपये, 02 ऑपरेशन सहायकों का मानदेय 15,820 रुपये से बढ़ाकर 18,320 रुपये, 13 हेल्पलाइन एक्जीक्यूटिव्स का मानदेय 15,820 रुपये से बढ़ाकर 18,320, 07 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का मानदेय 7,910 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये, 564 ब्लॉक सोशल ऑडिट को-ऑर्डिनेटर्स का मानदेय 11,600 रुपये से बढ़ाकर 14,100 रुपये तथा 46 डिस्ट्रिक्ट सोशल ऑडिट को-ऑर्डिनेटर्स का मानदेय 17,400 रुपये से बढ़ाकर 19,900 रुपये किए जाने का निर्णय लिया गया है। मनरेगा कर्मियों का बढ़ा हुआ मानदेय माह अक्टूबर, 2021 से लागू होगा।
   मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह निर्णय भी लिया गया है कि मनरेगा कर्मियों के जॉब चार्ट में ग्राम्य विकास विभाग के कतिपय अन्य कार्यों को भी जोड़ा जाएगा। ग्राम रोजगार सेवक की सेवा समाप्ति के पूर्व उपायुक्त, मनरेगा की सहमति आवश्यक होगी। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की भाँति मनरेगा कर्मियों के लिए एच0आर0 पॉलिसी एक माह के अन्दर लायी जायेगी, जिसमें वर्ष में 24 दिन के आकस्मिक अवकाश एवं वर्ष में 12 दिन के चिकित्सा अवकाश की व्यवस्था होगी।
   मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगा कर्मियों के हित में अनेक कदम उठाए हैं। वर्ष 2020 में 35,518 ग्राम सेवकों के कई वर्ष के बकाया भुगतान के लिए 225 करोड़ रुपये स्वीकृत कर भुगतान कराया गया। अप्रैल, 2020 में मनरेगा संविदा कर्मियों का मानदेय का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में करने की व्यवस्था की गयी। समस्त महिला मनरेगा संविदा कर्मियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिए जाने की भी व्यवस्था लागू की गयी है। ग्राम पंचायत के नगर पंचायत क्षेत्र में आ जाने पर रोजगार सेवकों का समायोजन जनपद की रिक्त ग्राम पंचायतों में किए जाने की व्यवस्था की गयी है। अब तक 415 से अधिक का समायोजन कर दिया गया है। शेष कर्मियों का भी समय सीमा में समायोजन किया जाएगा। कोरोना महामारी के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर समायोजित किया जा रहा है। अब तक 15 लोगों को नियोजित किया गया है। परिवार के व्यक्ति के ग्राम प्रधान निर्वाचित होने पर रोजगार सेवक की सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी, बल्कि अन्य ग्राम पंचायतों में उनका समायोजन किया जाएगा। इसी प्रकार महिला मनरेगा कर्मी का विवाह होने पर समायोजन की व्यवस्था की जाएगी।
  मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर मनरेगा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया। मनरेगा में एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार प्राप्त करने वाले कामगार श्री रामबालक ग्राम पंचायत मिर्जापुर, विकास खण्ड देवमई, जनपद फतेहपुर तथा श्री छांगूर ग्राम पंचायत जटौरा, विकास खण्ड जरवल, जनपद बहराइच, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिला मेट श्रीमती कौशल्या देवी ग्राम पंचायत सुपाचुआ, विकास खण्ड म्योरपुर, जनपद सोनभद्र, एक ग्राम पंचायत में सर्वाधिक मानव दिवस सृजन हेतु ग्राम रोजगार सेवक श्री संजीव कुमार ग्राम पंचायत जुगैल, जनपद सोनभद्र, नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए ग्राम रोजगार सेवक श्री धर्मेन्द्र रजक ग्राम पंचायत बंगरा, विकास खण्ड नदीगांव, जनपद जालौन, विकास खण्ड स्तर पर सर्वाधिक मानव दिवस सृजन एवं व्यय हेतु विकास खण्ड मौदहा हमीरपुर, जनपद स्तर पर सर्वाधिक मानव दिवस सृजन एवं व्यय हेतु जनपद सीतापुर तथा राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु नरेगा राज्य प्रकोष्ठ को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान मनरेगा पर आधारित एक फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कल 05 अक्टूबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदेश की उपलब्धियों से सम्बन्धित एक कार्यक्रम में पधार रहे हैं। राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी के तहत 42 लाख गरीब परिवारों को आवास की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है, जो देश में सर्वाधिक है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भी प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग व मनरेगा कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 12,622 करोड़ रुपए व्यय कर, 01 करोड़ 16 लाख मजदूरों को रोजगार देकर 39.46 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं। मनरेगा के तहत एक वर्ष में मानव दिवस सृजन में प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रदेश में तेजी से क्रियान्वयन किया जा रहा है। मनरेगा योजना के अन्तर्गत विगत 04 वर्षांे में कुल 103.27 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 39.46 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए, जो कि योजना के प्रारम्भ होने से लेकर अब तक की सर्वाधिक संख्या है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मनरेगा योजना के अन्तर्गत विगत 4 वर्षाें में कुल 246.56 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 मंे देश मे सर्वाधिक 94.37 लाख परिवारों को प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराया गया। योजना के तहत पिछले 4 वर्षांे में कुल 303 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक 116.57 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वर्ष 2020-21 में 26 जून, 2020 को एक दिन मे 62.25 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया गया, जो इतिहास में एक दिन में नियोजित श्रमिकों की सर्वाधिक संख्या है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 7,79,709 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है, जो योजना के आरम्भ से अब तक सर्वाधिक है। मनरेगा के तहत विगत 04 वर्षाें में कुल 5,03,619 व्यक्तिगत लाभार्थीपरक परिसम्पत्तियों का सृजन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश में 2,62,111 व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्य कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिलाओं द्वारा मनरेगा में कार्य करने से उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। ग्राम रोजगार सेवक के सहयोग के लिए 38,419 महिला मेटों का चयन कर 19,814 का प्रशिक्षण कराया जा चुका है। मनरेगा में ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि के लिए पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड, भूमि सुधार, मेढ़बन्दी, वृक्षारोपण नेडप कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट आदि का लाभ दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत कृषकों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु व्यक्तिगत भूमि पर खेत-तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। खेत-तालाब में कृषकों द्वारा मत्स्य पालन का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका में वृद्धि भी हो रही है। मनरेगा एवं पंचायतीराज के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए कुल 19,573 पंचायत भवनों पर निर्माण कार्य प्रारम्भ करते हुए 3,372 पंचायत भवनों का निर्माण पूर्ण किया गया है। इसी प्रकार 45,111 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य प्रारम्भ करते हुए 9,007 सामुदायिक शौचालयों को पूर्ण किया गया है। योजना के अन्तर्गत विगत 04 वर्षाें में मनरेगा, बाल विकास एवं पुष्टाहार तथा पंचायतीराज विभाग के मध्य अभिसरण कर कुल 15,541 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। यह समस्त आंगनबाड़ी केन्द्र क्रियाशील हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा एवं ईको सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए प्रदेश में विगत 04 वर्षाें में वृहद वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। मनरेगा एवं उद्यान विभाग के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए कृषकांे की भूमि पर फलदार पौधों का रोपण, फूलों की खेती, नर्सरी की स्थापना सम्बन्धी कार्य कराए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 8.80 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 10.56 करोड़ पौधों का रोपण किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 12.32 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा। विलुप्तप्राय नदियों के पुनरुद्धार के अन्तर्गत मनरेगा के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2018-19 में 06, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 19 तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25 विलुप्तप्राय नदियों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा मनरेगा योजना के अन्तर्गत 95,261 नागरिक सूचना पट्टिका का निर्माण किया गया है। मनरेगा में कार्यरत 11.37 लाख श्रमिकों का बी0ओ0सी0डब्ल्यू0 बोर्ड में पंजीकरण कराया जा चुका है। इससे इन श्रमिकों को बी0ओ0सी0डब्ल्यू0 बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। श्रमिकों की कार्यस्थल पर ही उपस्थिति के लिए एन0एम0एम0 एप का उपयोग किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत अभी तक 38,860 मोबाइल डिवाइस को पंजीकृृत किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि भ्रष्टाचारमुक्त पूर्णतः पारदर्शी ढंग से लाभार्थियों को योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाए। जहां कहीं भ्रष्टाचार के प्रकरण संज्ञान में आए हैं, उनमें कठोर कार्यवाही की गयी है। यदि आगे भी कोई प्रकरण संज्ञान में आता है, तो प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मनरेगा में कम से कम 20 लाख परिवारों को 100 दिन का रोजगार देते हुए 13,000 करोड़ रुपए का कार्य कराने का प्रयास होना चाहिए। महिला मेटों की योजना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसे और तेजी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। ग्राम्य विकास परिवार राज्य की समृद्धि एवं खुशहाली में सहयोग के लिए निरन्तर तत्पर है।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री श्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने समय-समय पर मनरेगा कर्मियों के हित में निर्णय लिए हैं। उन्होंने रोजगार सेवकों का काफी समय से लम्बित बकाया मानदेय का भुगतान एक दिन में कराया। कार्यक्रम के अंत में अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, आयुक्त ग्राम्य विकास श्री अवधेश कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मी उपस्थित थे।

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