औरैया // कृषि विज्ञान केन्द्र परवाह में कृषि वैज्ञानिकों ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण महिला किसानों को कृषि के विभिन्न क्षेत्रों, पशुपालन एवं व्यवसायों में बढ़ती भागीदारी व योगदान के बारे में जानकारी प्रदान की इस दौरान किसान महिलाओं ने पोषण वाटिका प्रदर्शनी भी लगाई पोषण वाटिका के लिए 60 से अधिक महिलाओं को सब्जियों के बीज दिए गए कृषि वैज्ञानिक अनन्त कुमार ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होते हुए भी उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना हमेशा करना पड़ता है अशिक्षा, अनभिज्ञता, उदासीनता और अंधविश्वास उनकी सशक्तिकरण की राह में मुश्किलें बढ़ाते हैं कई महिलाओं ने इन बाधाओं से जूझते हुए समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है पशु पालन वैज्ञानिक बृज विकास सिंह ने कहा कि भारत एक कृषि आधारित देश होने के कारण पशुधन क्षेत्र इसका एक अभिन्न अंग है गृह वैज्ञानिक डॉ. रश्मि यादव ने कहा कि वर्तमान में महिला किसान और महिला स्वयं सहायता समूहों का ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में हमेशा महत्वपूर्ण योगदान रहा है महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन कर आय अर्जित कर सकती हैं मधुमक्खी पालन, मछली पालन व मुर्गीपालन में भी महिला किसानों के लिए काफी अवसर हैं मृदा वैज्ञानिक डॉ चन्दन सिंह ने कृषि में मिट्टी की जाँच व सुधार के बारे में विस्तार से बताया और उन्होंने ये भी बताया कि कुपोषण के लिए मिट्टी ही सीधे तौर पर जिम्मेदार है पोषण रहित मिट्टी में उगने वाले फल, फूल और अनाज में निश्चित पोषक तत्वों की कमी रहती है ग्रामीण महिलाओं द्वारा लगाई प्रदर्शनी का आकलन भी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया इस दौरान भारी संख्या में महिला किसानों नें प्रतिभाग किया।
ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव
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