उतरौला (बलरामपुर) गांव की सरकार का भवन जब जर्जर हो जाय तब विकास की योजनाएं कैसे साकार होंगी इसका नमूना क्षेत्र के बढ़या पकड़ी में दो दशक पूर्व बना पंचायत भवन है।
एक ओर सरकार ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर सहायक की नियुक्ति कर गांव के बाशिंदों को एक ही छत के नीचे तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रही है लेकिन जब भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में हो तो कैसे यह सुविधा मुहैया हो सकेगी।
पंचायत भवन रख रखाव के अभाव में खिड़की दरवाजे विहीन हो चुके हैं टपकते छत व टूटे फर्स पर आवारा जानवरों का आराम गाह बना हुआ है दीवाल में जगह-जगह दरारें आ चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार भवन जर्जर होने के कारण खुले आसमान के नीचे बैठक करना पड़ता है।
असग़र अली
उतरौला
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