रमना में बनने वाले वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में कचरे से कोयला बनाने की तैयारी तेज हो गई है। करीब तीन साल पहले नगर निगम की एनटीपीसी के साथ कचरे से कोयला बनाने की पहल के बाद अब इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह प्लांट रमना में निगम की 20 एकड़ से अधिक की जमीन पर बनाया जाएगा।
शहर से रोजाना तकरीबन 600 एमटी कचरा निकलता है। अभी इसका निस्तारण करसड़ा प्लांट और शहर के तीन छोटे-छोटे वेस्ट टू एनर्जी प्लांटों पर किया जाता है। माना जा रहा है कि नवंबर में कचरे से कोयला बनाने के प्लांट निर्माण की शुरूआत हो सकती है। इस पर तकरीबन 150 करोड़ रुपये खर्च होने के अनुमान हैं।प्लांट की क्षमता रोजाना आठ सौ एमटी कूड़ा निस्तारण की होगी। यह इको फ्रेंडली बनाया जाएगा ताकि आसपास लोगों को कोई दिक्कत न हो। निर्माण होने के बाद इसका रखरखाव नगर निगम करेगा। नगर निगम के एक्सईएन अजय कुमार ने कहा कि रमना में नए प्लांट में कचरा से कोयला बनाने के लिए तीन साल से प्रक्रिया चल रही है। एनटीपीसी के साथ मिलकर इस पर काम होगा।
शहर से रोजाना तकरीबन 600 एमटी कचरा निकलता है। अभी इसका निस्तारण करसड़ा प्लांट और शहर के तीन छोटे-छोटे वेस्ट टू एनर्जी प्लांटों पर किया जाता है। माना जा रहा है कि नवंबर में कचरे से कोयला बनाने के प्लांट निर्माण की शुरूआत हो सकती है। इस पर तकरीबन 150 करोड़ रुपये खर्च होने के अनुमान हैं।प्लांट की क्षमता रोजाना आठ सौ एमटी कूड़ा निस्तारण की होगी। यह इको फ्रेंडली बनाया जाएगा ताकि आसपास लोगों को कोई दिक्कत न हो। निर्माण होने के बाद इसका रखरखाव नगर निगम करेगा। नगर निगम के एक्सईएन अजय कुमार ने कहा कि रमना में नए प्लांट में कचरा से कोयला बनाने के लिए तीन साल से प्रक्रिया चल रही है। एनटीपीसी के साथ मिलकर इस पर काम होगा।
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