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ब्यूरो चीफ नीरज कुशवाहा
उप चुनाव 2021 ::
ग्रामीण को वोट से ज्यादा पेट की चिंता, पलायन जारी
कैसे पूरा होगा मतदान बढाने का संकल्प, प्रत्याशियों पर रहेगा दामोरदार
मतदान प्रतिशत बढाने मे हर संभव प्रयास कर रहा जिला व पुलिस प्रशासन
आलीराजपुर।
इसे जिला निर्वाचन आयोग की उदासिनता कहें या मजदूरों के पेट की आग बूझाने की वजह, तर्क भले ही जो भी लेकिन हकीकत यही है कि, निर्वाचन आयोग का अधिक से अधिक मतदाताओं से मतदान करवाने का ख्वाब अब भी पूर्ण होता नही दिखता है। इसकी प्रमुख वजह जोबट विधान सभा के कई विकास-खंड से बड़ी संख्या में मतदाताओं का पलायन पर चले जाना है। विकासखंड के कई गांव तो ऐसे है जहां वर्तमान में 50 प्रतिशत मतदाता भी नजर नही आ रहे है, इस प्रकार की स्थिति न केवल आयोग के मंसुबों पर पानी फैरेगी, बल्कि चुनावी में मैदान में खड़े प्रत्याशियों की तकदिरों को भी प्रभावित करेगी। बहरहाल निर्वाचन आयोग पलायन पर चले गए आदिवासियों से मतदान के दिन वापस लौट लाने की गुहार लगाने की बात कह रहा है, लेकिन राजनीतिक पंडित मान रहे है कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अब प्रत्याशियों को ही प्रयास करना पड़ेंगे।
रोजगार की तलाश में जाते है
इस बार भी चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशी केवल विकास कर देने की ताना बाना पर ही चुनावी मैदान में उतरते है, उप चुनाव में निर्दलिय-दलिय सहित कुल 6 प्रत्याशी मैदान में है, और सभी वहीं रटारटाया विकास करके दिखाने का राग आलापते हुए चुनावी अखाड़े अटखेलियां कर रहे है, हालाकि विगत वर्षो में क्षेत्र में विकास जरूर हुआ है, लेकिन क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही पलायन की परंपरा को जड़ से समाप्त करने पर आज भी किसी प्रत्याशी का ध्यान नही है। जानकार मानते है कि पलायन की प्रमुख वजह स्थानीय स्तर पर आदिवासियों को सम्मानजक रोजगार न मिल पाना है, उनके अनुसार क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर अधिक मजदुरी, रोजगार मुलक उद्योग धंधों को बढ़वा मिले तो यहां से पलायन के श्राप को समाप्त किया जा सकता है।
जनप्रतिनिधियों के लिए भी चुनौति भरा मुद्दा
अंचल को पलायन का श्राप जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उदासिनता की वजह से ही लगा है। जिले के अधिकांश नागरिकों के पलायन पर जाने की प्रमुख वजह जिले में नहरों की पर्याप्त कमी व उद्योगों का न होना है, वहीं जिले से निरंतर हो रहा पलायन शासन की योजनाओं के सफलतम क्रियान्वयन पर भी प्रश्र चिन्ह लगा रहा है। चुनाव के दौरान प्रत्याशी विकास कार्यक्रमों की बाते तो करते है, लेकिन अधिक से अधिक जनता को प्रभावित करने वाले इस मुद्दे पर किसी भी पार्टी द्वारा ध्यान नही दिया जाता है। जानकारों का कहना है कि जिले में नहरों को विकसित करने के साथ ही, आधुनिक तरीके से खेती की विधि किसानों को बताई जाए व क्षेत्र में अन्य उद्योग के साथ ही कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना कर दी जाए तो पलायन की प्रथा को काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है।
प्रशासन प्रयासरत
जिला प्रशासन जिला निर्चाचन आयोग के ओदश को पालन करने के लिए हर संभव प्रयासरत है। कलेक्टर मनोजसिंह पुष्प व एसपी मनोज सिंह दोनो जिले के वरिष्ठ अधिकारी जिले की जोबट विधान सभा उप चुनाव में अधिक से अधिक वोट करने के लिए रह संभव प्रयास कर रहे है। उसी कडी में रैली, रंगोली प्रतियोगिता, शौसल मिडिया के साथ ही साथ गुजरात राज्य के करीब 15 से अधिक जिला कलेक्टर को पत्र लिकर जोबट विधान सभा से मजदूरी पर गए मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्सााहित करने की बात कही है। साथ ही क्षैत्र में निष्पक्ष व भयमुक्त होकर अधिक से अधिक मतदान करने के लिए पुलिस कप्तान भी कर संभव प्रयास कर रहे हे। शौसल मिडिया प्लेटफार्म, थाना प्रभारियों से प्रचार प्रसार के साथ ही थाना क्षैत्रो में फ्लैगमार्च कर जनता को अधिक से अधिक मतदान के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे
ये रहे प्रमुख रूप से मैदान में
1 – महेश पटेल – कांग्रेस- हाथ का पंजा
2 – सुुलोचना रावत – भाजपा – कमल का फुल
3 – दलसिंह डावर – निर्दलीय – बिजली का खंभा
4 – दिलीप भूरिया – निर्दलीय – कांच का गिलास
5 – मोहनसिंह निगवाल – निर्दलीय – गेंस सिलेंडर
6 – सरदार परमार – निर्दलीय – ऑटो रिक्सा
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