जौनपुर:
बच्चों को सुपोषित बनाने की मुहिम में अब ग्राम प्रधान भी जुड़ गए हैं। जनपद में 749 ग्राम प्रधान 1157 अतिकुपोषित (सैम) बच्चों को गोद लेकर उनको सुपोषित बना रहे हैं। उनको पोषण पोटली उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी हर समस्याओं पर नजर रख रहे हैं। पोषण पोटली में बच्चों के लिए एक-एक किलो मूंगफली, न्यूट्रीला, काला चना, 500 ग्राम गुड़ और 250 ग्राम घी है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि जिले को कुपोषण मुक्त करने के लिए अभियान चलाया गया है। इसमें ग्राम प्रधानों को भी जोड़ गया है। बताया कि कुपोषण की जंग बच्चों को प्रोटीन, विटामिन और वसा के साथ आयरन उपलब्ध कराकर जीती जा सकती है। गुड़ इसलिए उपलब्ध कराया जा रहा है कि खून की कमी या एनीमिया से बचाव किया जा सके। घी में कार्बोहाइड्रेट रहता है। यह बच्चों का वजन बढ़ाने में मदद करता है। सोयाबीन और मूंगफली प्रोटीन के स्त्रोत हैं, जिससे उनके शारीरिक का विकास तेजी से होगा। चना से आयरन और प्रोटीन मिलता है। यह भी खून की कमी दूर करने तथा वजन बढ़ाने में सहायक होता है। बच्चों को गोद लेने वाले ग्राम प्रधान यह सभी व्यवस्था करा रहे हैं।
ग्राम प्रधान करा रहे सभी व्यवस्थाएं
ग्राम प्रधान जिन कुपोषित बच्चों के घर शौचालय नहीं है तो शौचालय की व्यवस्था तथा गरीब बच्चों के माता-पिता जो मनरेगा में काम करना चाहते हैं तो उनके लिए मनरेगा का जाबकार्ड की भी व्यवस्था करा रहे हैं। मुंगराबादशाहपुर ब्लाक के बभनियांव की प्रधान ऊषा सिंह तथा इसी ब्लाक के धौरहरा गांव की प्रधान छाया सिंह ने तीन-तीन बच्चों को गोद लिया है। दोनों लोग बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की तरफ से मिलने वाले अनाज, चना, गुड़, तेल, घी आदि पोषण सामग्री बच्चों तक पहुंचा रही हैं। जनपद में सिर्फ ऊषा और छाया ही मात्र ऐसी प्रधान नहीं हैं। 1157 सैम बच्चों को ऐसे 749 प्रधानों के माध्यम से उन्हें स्वस्थ बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
वर्जन
विभाग द्वारा पोषण अभियान में बच्चों को गोद लेने का अभियान चलाकर उन्हें सुपोषित किया जा रहा है। इसमें ग्राम प्रधान भी पूरा सहयोग दे रहे हैं।
-अनुपम शुक्ल, मुख्य विकास अधिकारी।
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