पुरुषों के नाम के आगे उनकी वैवाहिक स्थिति का उल्लेख नहीं होता तो फिर महिलाओं के नाम के आगे क्यों? यह सवाल अब से तीन साल पहले बीएचयू की एक महिला प्रोफेसर ने उठाया था। सवाल के निहितार्थ को गंभीरता से लेते हुए देर से ही सही मगर बीएचयू ने अनूठी शुरुआत कर दी है। बीएचयू देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बन गया है जहां अब महिला शिक्षकों के नाम के आगे उनकी वैवाहिक स्थिति का उल्लेख नहीं होगा।

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