जनपद में बने सरस हाट व मंडी पैड़ निष्प्रयोज्य सड़कों पर सजती दुकानें

          गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों) 
अंबेडकरनगर । मंडी पैड और सरस हाट बदहाल होने से व्यापारी यहां जाने से भी कतराते हैं। मजबूरी में वे जान जोखिम में डाल हाईवे किनारे दुकानें लगा रहे हैं, इससे दुकानदारों के साथ खरीदारों की सुरक्षा को लेकर भी खतरा बना रहता है। वहीं सुबह-शाम सड़क पर जबर्दस्त भीड़ लगने से इसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ता है।

एक दशक पूर्व कटेहरी ब्लाक के महरुआ, नसीरपुर, पहितीपुर आदि स्थानों पर व्यापारियों व पटरी दुकानदारों की सुविधा के लिए लाखों की लागत से हाटों का निर्माण कराया गया था। यहां चारदीवारी के अंदर शौचालय, पेयजल, प्रकाश, मार्ग, चबूतरा, गोदाम आदि की व्यवस्था की गई थी, लेकिन लोग इसका उपयोग उपले पाथने, सामान रखने, मवेशी बांधने आदि के रूप में कर रहे हैं। ऐसे में ठेले व सब्जी बेचने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग टांडा-बांदा के अलावा महरुआ-भीटी तथा महरुआ-दोस्तपुर सहित अन्य मार्गों के किनारे अपनी दुकान लगा रहे हैं। यहां होने वाली रोजाना की मुश्किलों से व्यापारियों ने प्रशासन को बार-बार अवगत कराया, लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। सड़क पर बाजार लगने से जाम को खुलवाने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट जाते हैं।मंडी पैड झाड़ियों में तब्दील हो चुका है। यदि प्रशासन इसकी मरम्मत करा दे तो हाईवे के बजाय सभी व्यापारी उचित स्थान पर अपनी दुकान लगाएं।

 सब्जी विक्रेताओं ने कहा

सब्जी व्यापारी अपनी जान जोखिम में डाल हाईवे के किनारे दुकान लगाते हैं। ऐसे में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। हाट पैड दुरुस्त हो जाए तो सब्जी व्यापारी काफी राहत महसूस करेंगे।
 सब्जी व्यापारी आनंदनगर चौराहा तथा पहितीपुर बाजार में सड़क किनारे सब्जियों की दुकान से सुबह-शाम आवागमन प्रभावित रहता है। प्रशासन इन व्यापारियों को दुकान लगाने के लिए उचित स्थान पर प्रबंध करे तो यातायात सुगम हो जाएगा।

राहगीरों का कहना है सब्जी वालों तथा ठेले वालों के चलते प्रतिदिन शाम को महरुआ बाजार में जाम लगता है। एंबुलेंस तक इसमें फंस जाती हैं। यातायात सुगम बनाने के लिए कोई नजर नहीं आता। सब्जी व्यापारियों को अन्य जगह पर शिफ्ट किए जाने की सख्त जरूरत है।

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