यूपी के मिर्जापुर में एक महीने पहले घर से लापता तीन सगी बहनों का बुधवार की सुबह कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। चरवाहों की सूचना पर हलिया थाना क्षेत्र के हर्रा जंगल में पहुंचे परिजनों ने कंकाल के पास मिले छाता व उनके कपड़ों से पहचान की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कंकाल कब्जे में लेकर पड़ताल में जुट गई है। फिलहाल पुलिस तीन बहनों का कंकाल होने के बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर रही है।
हलिया थाना क्षेत्र के बेलाही गांव निवासी देवीदास कोल की पत्नी सीमा तीन बेटियों मुन्नी (10), ममता (8), गोलू (12) के साथ 16 अगस्त को घर से दवा लेने की बात कहकर निकली थी। उसी दिन से चारों लापता हो गई थी। सीमा दो दिन बाद अपने मायके सुखड़ा बेलगवां गांव अकेले पहुंची। घरवालों ने सीमा से तीनों बच्चियों के बारे में पूछा तो वह पुत्रियों को इंदौर में एक महिला के पास भेजने की बात कही।
कहा कि इंदौर स्टेशन पर एक महिला के पास तीनों बच्ची है। जब सीमा का पति और भाई रमाकांत इंदौर उसे लेकर गए तो बच्चियां नहीं मिली। परिजन बच्चियों को खोज रहे थे। इसी बीच बुधवार को चरवाहों से सूचना मिली कि हर्रा जंगल में तीन कंकाल पड़ा है। कंकाल मिलने की जानकारी होते ही सीमा का भाई रमाकांत व पति देवीदास जंगल पहुंच गए।कंकाल के पास मिले छाता व उनके कपड़े से बच्चियों की पहचान की। देवीदास की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस तीनों बच्चियों के कंकाल को कब्जे में लेकर मामले की छानबीन में जुट गई है। घटना के बाद मां सीमा मायके से फरार हो गई है। एएसपी नक्सल महेश सिंह अत्री ने बताया कि हर्रा जंगल में तीन कंकाल मिले हैं। परिजनों ने कंकाल के पास मिले छाता व उनके कपड़े के आधार पर लापता तीन बच्चियों के रुप में पहचान की। फिलहाल तीनों कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि किसका कंकाल है और मौत का क्या कारण है।
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