उतरौला(बलरामपुर) रेहरा माफ़ी के इमामबारगाह मरहूम मुहम्मद ज़ाहिद में अंजुमने वफ़ाये अब्बास के जर्नल सिकरेट्री मरहूम मुहम्मद शाहिद के तीजे की मजलिस का आयोजन किया गया जिनका बीते शुक्रवार को सुबह निधन हो गया था!
मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना ने कहा कि इमामे जाफ़रे सादिक़ अ स फ़रमाते हैं कि ऐसे बनो कि जब तक जिंदा रहो लोग तुमसे मिलने की तमन्ना में रहें और जब तुम इस दुनिया को छोड़कर चले जाओ तो लोग तुम्हें याद करें!
उन्होनें शिक्षा को बढ़ावा देते हुए कहा कि इंसान के पास जितना इल्म होगा वो उतना ही बेहतर इंसान बनेगा,इल्म हमेशा बांटने से बढ़ता है,उसे न कोई चोरी कर सकता है,और न ही उसे छीना जा सकता है!
आलिम और जाहिल कभी बराबर नहीं हो सकते हैं,अगर कोई इंसान इल्म के लिए काम कर रहा है,तो समझो वही अस्ल हुसैनी मिशन पर काम कर रहा है,और जो भी उसका विरोध कर रहा है तो वो यज़ीदी है!
उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर तुमने समय रहते इल्म हासिल कर लिया तो दुनिया की कोई ताक़त तुमको कामयाबी से नहीं रोक सकती!
अंत में उन्होनें कर्बला के शहीदों की शहादत का ज़िक्र किया तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे भर आईं!
इस अवसर पर ज़मीर हसन,फ़हमीद रज़ा,इरफ़ान हैदर,अली जाफ़र,अंसर हुसैन,अनीस उतरौलवी,अब्बास जाफ़र,अबरार बलरामपुरी,अलमदार हुसैन,आसिफ़ अली,मोजिज़ अब्बास,मुहम्मद आलिम,शुजा उतरौलवी,मीसम अब्बास,नदीम हैदर मौजूद रहे!
असग़र अली
उतरौला
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know