शासन की ओर से स्कूलों को स्मार्ट बनाने की कवायद के बीच काशी के स्कूलों का हाल-बेहाल है। यहां पर बच्चों को स्कूलों में खुद ही सफाई करनी पड़ रही है। बच्चे भी पूछ रहे हैं आखिर हम कब तक स्मार्ट बनेंगे।
अधिकारियों की लापरवाही से कई स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है तो कई जगहों पर पीने साफ पानी की किल्लत है। अब तक बच्चों को न कॉपी-किताब मिल पाई है, न ही ड्रेस का वितरण हो पाया है। स्मार्ट क्लास के लिए डेढ़ लाख की लागत से लगे प्रोजेक्टर विभाग की लापरवाही से सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं।
अधिकारियों की लापरवाही से कई स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है तो कई जगहों पर पीने साफ पानी की किल्लत है। अब तक बच्चों को न कॉपी-किताब मिल पाई है, न ही ड्रेस का वितरण हो पाया है। स्मार्ट क्लास के लिए डेढ़ लाख की लागत से लगे प्रोजेक्टर विभाग की लापरवाही से सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं।
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