मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों
के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित किया
जिला पंचायत त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की सर्वाेच्च संस्था, जिला पंचायत
अध्यक्ष की प्राथमिकता जनविश्वास पर खरा उतरने की होनी चाहिए: मुख्यमंत्री
जिला पंचायत अध्यक्ष प्राथमिकता तय कर उसके अनुसार
कार्य करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी, आप सबकी कार्य पद्धति का
आदर्श एवं प्रेरणा प्रधानमंत्री जी की कार्य पद्धति होनी चाहिए
प्रशिक्षण का अपना महत्व, प्रशिक्षण, पारस्परिक संवाद से
एक-दूसरे के अनुभव से परिचित होने तथा जहां भी कुछ अच्छा घटित
हो रहा है, उसे अंगीकार करने का अवसर प्रदान करता है
प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री चुने जाने के पश्चात सफल और प्रभावी ढंग से देश की 125 करोड़ की आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहे, उन्होंने वैश्विक मंच पर देश का सम्मान बढ़ाया
प्रधानमंत्री जी ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को जाति,
मत, मजहब आदि के आधार पर नहीं, बल्कि गांव, गरीब, किसान, नौजवान,
महिलाओं तथा अन्तिम पायदान के व्यक्ति को ध्यान में रखकर लागू किया
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंकों में गरीबों के खाते खोले गये,
विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को पूरी पारदर्शिता
के साथ सुलभ कराने में जनधन खातों की महत्वपूर्ण भूमिका रही
जनधन खातों सेे विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित व्यक्तियों के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि का अन्तरण सम्भव हुआ, जनधन खाते जनविश्वास का प्रतीक बने
पूर्ववर्ती सरकारों में रसोई गैस कनेक्शन अथवा सिलेण्डर प्राप्त करना बहुत कठिन था, वर्तमान सरकार गरीबों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान कर रही
वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार ने हर क्षेत्र व हर वर्ग के
लिए कार्य किया, प्रधानमंत्री जी ने वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान
देशवासियों के जीवन और जीविका को बचाने का कार्य किया
प्रत्येक जिला पंचायत में सम्बन्धित जनपद के ओ0डी0ओ0पी0 योजना
के चिन्हित उत्पाद को डिस्प्ले किया जाना चाहिए
जिला पंचायत शीर्ष संस्था, यहां से जाने वाला संदेश क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत से होता हुआ अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक जाएगा, इसे ध्यान मंे रखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकारियों के साथ पारस्परिक संवाद एवं समन्वय के साथ कार्य करें
वर्तमान में जिला पंचायतों में 2900 करोड़ रु0 की धनराशि उपलब्ध,
इसका तेजी से सदुपयोग विकास कार्याें में किया जाना चाहिए
मुख्य विकास अधिकारी/जिला अधिकारी के साथ संवाद कर कार्ययोजना बनाकर लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन ला सकने वाले कार्याें को मूर्तरूप दिया जाना चाहिए
जिला पंचायत को अपनी आय बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए
गोवंश कृषि परम्परा का आधार, इस पर लोगों की गहरी आस्था, जिला पंचायत द्वारा कांजी हाउस को गोरक्षा और गोसंवर्धन के रूप में संचालित किया जाना चाहिए
प्रत्येक ग्राम पंचायत में गो आधारित खेती के साथ-साथ
गोबर गैस को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में प्रयोग किया जा
सकता है, गो आधारित खेती के उत्पाद आरोग्यता का माध्यम बन सकते हैं
जिला पंचायत द्वारा कार्याें को गुणवत्ता व समयबद्धता के साथ सम्पादित
किया जाना चाहिए, इसके लिए कार्याें की नियमित समीक्षा करनी होगी
मुख्यमंत्री के निर्देशन में कोविड-19 का संक्रमण नियंत्रित करने
तथा कोरोना काल में अन्य प्रदेशों से वापस आए श्रमिकों के भरण-पोषण में
पंचायतीराज विभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया: पंचायतीराज मंत्री
लखनऊ: 28 सितम्बर, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जिला पंचायत त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की सर्वाेच्च संस्था है। जिला पंचायत अध्यक्ष जनपद का प्रथम नागरिक है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद के जिला पंचायत अध्यक्ष 15 लाख से लेकर 65 लाख तक की आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अनेक देशों की आबादी भी इतनी नहीं है। इसलिए आप सब जिला पंचायत अध्यक्ष की प्राथमिकता जनविश्वास पर खरा उतरने की होनी चाहिए। आप सब प्राथमिकता तय कर उसके अनुसार कार्य करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि आप सबकी कार्य पद्धति का आदर्श एवं प्रेरणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कार्य पद्धति होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां योजना भवन में प्रदेश के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का अपना महत्व है। प्रशिक्षण, पारस्परिक संवाद से एक-दूसरे के अनुभव से परिचित होने तथा जहां भी कुछ अच्छा घटित हो रहा है, उसे अंगीकार करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि नया और अच्छा सीखने की इच्छा व्यक्ति को निरन्तर बेहतर बनाती है। अच्छा शिक्षक जीवनपर्यन्त अच्छा छात्र बनने का प्रयास करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री चुने जाने के पश्चात सफल और प्रभावी ढंग से देश की 125 करोड़ की आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने वैश्विक मंच पर देश का सम्मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री जी ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को जाति, मत, मजहब आदि के आधार पर नहीं, बल्कि गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं तथा अन्तिम पायदान के व्यक्ति को ध्यान में रखकर लागू किया। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में यह विशिष्टता दिखायी देती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंकों में गरीबों के खाते खोले गये। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को पूरी पारदर्शिता के साथ सुलभ कराने में जनधन खातों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इससेे विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित व्यक्तियों के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि का अन्तरण सम्भव हुआ। लाभान्वित व्यक्ति को योजना का पूरा लाभ प्राप्त हुआ। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान गरीबों के खाते में आर्थिक सहायता धनराशि प्रेषित की जा सकी। उन्होंने कहा कि जनधन खाते जनविश्वास का प्रतीक बने हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को बिना किसी भेदभाव के आवास की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10 करोड़ देशवासियों को शौचालय की सुविधा सुलभ करायी गयी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत बड़ी संख्या में पात्र परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्हांेने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में रसोई गैस कनेक्शन अथवा सिलेण्डर प्राप्त करना बहुत कठिन था। वर्तमान सरकार गरीबों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दे रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार ने हर क्षेत्र व हर वर्ग के लिए कार्य किया है। लगभग एक शताब्दी पूर्व एक महामारी में दुनिया के लगभग ढाई करोड़ लोगों की मृत्यु हो गयी थी। उस समय बीमारी से अधिक मौतें भूख से हुई थी। प्रधानमंत्री जी ने वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान देशवासियों के जीवन और जीविका को बचाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्षों में 56 प्रतिशत महिलाओं की संख्या होने की प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जिला पंचायत के रूप में निर्वाचित प्रत्येक व्यक्ति का अपना कार्यक्षेत्र एवं पृष्ठभूमि है। परिवार के संचालन में विशिष्ट संवाद एवं समन्वय की जरुरत पड़ती है। इसका महिलाओं का अपना अनुभव होता है। जिला पंचायतों को इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शीर्ष संस्था से जाने वाला संदेश क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत से होता हुआ अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक जाएगा। इसे ध्यान मंे रखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकारियों के साथ पारस्परिक संवाद एवं समन्वय के साथ कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में जिला पंचायतों में 2900 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध है। इसका तेजी से सदुपयोग विकास कार्याें में किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत शासन द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार शीघ्र कार्ययोजना तैयार कर उसके अनुरूप कार्य प्रारम्भ किया जाना चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी/जिला अधिकारी के साथ संवाद कर कार्ययोजना बनाकर लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन ला सकने वाले कार्याें को मूर्तरूप दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना संचालित की जा रही है। स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार सुलभ कराने में इस योजना की उपयोगी भूमिका है। योजना के तहत प्रत्येक जनपद के विशिष्ट उत्पाद को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 में प्रारम्भ की गयी यह योजना वर्ष 2020 के केन्द्रीय बजट में भी सम्मिलित की गयी। प्रधानमंत्री जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र की पृष्ठभूमि में भी ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना है। लोक भवन के भूतल पर विभिन्न जनपदों के एक जनपद एक उत्पाद योजना के उत्पादों को डिस्प्ले किया गया है। प्रत्येक जिला पंचायत में भी सम्बन्धित जनपद के योजना के तहत चिन्हित उत्पाद को डिस्प्ले किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला पंचायत को अपनी आय बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। जिला पंचायत के पास अपनी भूमि, बाजार आदि अनेक संसाधन हैं। जिला पंचायत आत्मनिर्भर हो जाएं तो जनपदवासियों के लिए उपयोगी सुविधाएं स्वयं विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही ‘मातृभूमि योजना’ प्रारम्भ करने जा रही है। इस योजना के तहत ग्राम सचिवालय, सामुदायिक केन्द्र जैसे निर्माण कार्याें में स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाएगा। निर्माण कार्य पर व्यय होने वाली आधी धनराशि सरकार तथा आधी सम्बन्धित व्यक्ति व्यय करेगा। संस्था का संचालन दोनों मिलकर करेंगे। जिला पंचायत भी इस दिशा में कार्य कर सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में बेसिक शिक्षा विद्यालयों में जनसहयोग के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प का संचालन किया गया। इसके माध्यम से 01 लाख 38 हजार विद्यालयों में फ्लोरिंग, शौचालय, पेयजल, कुछ विद्यालयों मंे फर्नीचर, कुछ विद्यालयों मंे स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सफलता मिली। जिला पंचायत इसी तर्ज पर अपने क्षेत्र में ओपन जिम, खेल के मैदान, सड़क जैसी विभिन्न सुविधाओं को विकसित करा सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर में नल का कनेक्शन पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। शुद्ध पेयजल सुलभ हो जाने से लगभग आधी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध जल प्राप्त हो, इसके लिए प्रभावी ढंग से कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बहुत से कार्याें को कंवर्जेन्स के माध्यम से सम्पन्न कराया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोवंश कृषि परम्परा का आधार रहा है। आज भी इस पर लोगों की गहरी आस्था है। जिला पंचायत द्वारा कांजी हाउस का संचालन किया जाता है। कांजी हाउस को गोरक्षा और गोसंवर्धन के रूप में संचालित किया जाना चाहिए। विभिन्न जनपदों मंे जिला पंचायत द्वारा गोवंश आश्रय स्थलों का संचालन किया जा रहा है। इन स्थलों पर गोवंश के बेहतर रख-रखाव, चारे, साफ-सफाई, गोवंश को सर्दी व गर्मी से बचाने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। इस कार्य में जिला प्रशासन का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। प्रत्येक ग्राम पंचायत मंे गो आधारित खेती के साथ-साथ गोबर गैस को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गो आधारित खेती से उत्पन्न उत्पाद आरोग्यता का माध्यम बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला पंचायत द्वारा कराए जाने वाले कार्याें को गुणवत्ता व समयबद्धता के साथ सम्पादित किया जाना चाहिए। इसके लिए कार्याें की नियमित समीक्षा करनी होगी। मौके पर जाकर कार्याें की गुणवत्ता को देखना होगा। निर्माण कार्याें के गुणवत्तापूर्ण ढंग से सम्पन्न होने तथा हैण्डओवर हो जाने के पश्चात सम्बन्धित कॉन्टैªक्टर भुगतान भी समय से होना चाहिए। जिला पंचायत के अध्यक्ष के रूप में जिला पंचायत की सम्पत्ति की रक्षा का दायित्व भी आप सबका है। इस सम्बन्ध में पूरी सजगता बरती जानी चाहिए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि संविधान में 73वें संविधान संशोधन के पश्चात जिला पंचायत को संवैधानिक दर्जा मिला। इससे जिला पंचायत को ग्रामीण विकास के लिए कार्य करने की धुरी बनने का अवसर मिला। उन्हांेने कहा कि पंचायतों द्वारा विगत 03 वर्षाें में अपने कार्याें को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री जी के निर्देशन मंे पंचायतीराज विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। कोविड-19 का संक्रमण नियंत्रित करने तथा कोरोना काल में अन्य प्रदेशों से वापस आए श्रमिकों के भरण-पोषण में पंचायतीराज विभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया।
कार्यक्रम के अन्त मंे पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री उपेन्द्र तिवारी ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के सम्बन्ध में संक्षिप्त परिचय दिया। कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष बुलन्दशहर, जिला पंचायत अध्यक्ष फर्रुखाबाद, जिला पंचायत अध्यक्ष मेरठ, जिला पंचायत अध्यक्ष जालौन एवं जिला पंचायत अध्यक्ष फतेहपुर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर विभिन्न जनपदों के जिला पंचायत अध्यक्ष, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know