नैपुरा गांव स्थित एक डेयरी में बीते 10 सितंबर को भदोही जिले के गिरधपुर निवासी मनोज (30) की हत्या करने वाला वो करीबी ही निकला, जिसने सबसे पहले पुलिस को घटना की सूचना दी थी। पैसा हड़पने की नीयत से वारदात को अंजाम दिया गया था। यह सनसनीखेज खुलासा शुक्रवार को पुलिस ने किया। इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ ही हत्या के लिए प्रयोग किये गए असलहों को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।
डेयरी संचालक बृजेश मिश्रा के रिश्तेदार शुभम  मिश्रा व अशोक पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।  वहीं बृजेश फरार है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि सिर में गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, अमित वर्मा के अनुसार जांच में पता चला कि मृतक मनोज यादव आठ-दस वर्षों से बृजेश मिश्रा के साथ ठेकेदारी आदि का पार्टनरशिप में कार्य करता था।मनोज यादव का काफी पैसा बृजेश मिश्रा के पास था। तीन साल पहले मनोज ने ज्ञानपुर के सेठों से बृजेश मिश्रा और उसके मित्र को दो-तीन लाख रुपये का जेवर उधार दिलाया था। हाल के दिनों में मनोज द्वारा गहने के पैसे और ठेकेदारी में अपने हिस्से के बचे हुए पैसे की मांग बृजेश से की जा रही थी।बार-बार पैसे की मांग से अजीज आकर बृजेश ने संहसापुर बेल्हना निवासी अपने मौसेरे भाई शुभम मिश्रा और अशोक पांडेय से मिलकर मनोज को जान से मारने की योजना बनाई।  आरोपी  शुभम मिश्रा ने पूछताछ में बताया कि पैसों को हड़पने की नीयत से अपने मौसेरे भाई बृजेश मिश्रा द्वारा बनायी गयी योजना के तहत धोखा देकर मनोज यादव को नैपुरा गांव में डेयरी फर्म बुलाया। वहां गोली मार कर हत्या करने के बाद असलहा व कारतूस अशोक पांडेय के घर  छिपा दिया

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