बीते वर्षों में विंध्याचल और अन्य घाटों पर नाव हादसों और डूबने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। इससे हादसों का सिलसिला जारी है।  2012 में देहात कोतवाली के नेवढ़िया में एक परिवार में शादी थी। बहू के आने पर आरपार की माला करने के लिए गंगा पार गए थे। नाविक उनको लेकर नेवढ़िया घाट से चील्ह के बल्ली परवा जा रहा था। जैसे ही नाव बल्ली परवा घाट के पास पहुंची कि ओवरलोड होने के कारण पलट गई। हादसे में एक परिवार के तीन महिलाओं सहित आठ लोगों की डूबकर मौत हो गई थी। 

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